प्रदेश की राजधानी भोपाल में पहाड़ियों के बीच बल्लभ भवन यानि मंत्रालय स्थापित था। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 10 साल और शिवराज सिंह चौहान ने लगातार 12 साल से ज्यादा मुख्यमंत्री के रूप में सरकार चलाई । बल्लभ भवन के दोनों ओर 2 नई एनेक्सी बनाई गई हैं। वास्तु दोष होने के कारण यह नया भवन मुख्यमंत्री पर भारी पद रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस भवन की आधारशिला रखी थी। बहुत कम समय में यह दोनों एनेक्सी तैयार हो गई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद शिवराजसिंह नए मंत्रालय भवन में बैठने ही वाले थे कि विधानसभा के चुनाव परिणाम में भाजपा की पराजय हुई।कमलनाथ के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ सीधे मंत्रालय पहुंचे। नई एनेक्सी लोकार्पण कर मुख्यमंत्री कक्ष में उन्होंने पदभार ग्रहण किया।15 माह के कार्यकाल में कमलनाथ अपने ही लोगों की चुनौतियां से घिरे रहे।अपने ही लोगों के विश्वासघात से कमलनाथ की सरकार एकाएक गिर गई। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मार्च माह में शपथ लेकर पुराने कार्यालय के स्थान पर नई एनेक्सी में जाकर बैठे। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद कोरोना महामारी, आर्थिक संकट और अपने ही लोगों की चुनौतियां से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घिर गए ।पहले उनमें जो आत्मविश्वास था, वह अब देखने को नहीं मिल रहा है। एक के बाद एक नई नई समस्याएं मुख्यमंत्री के सामने आ रही हैं।कोरोना महामारी और आर्थिक संकट से निपट पाते, इसके पहले ही टिड्डी दल का बड़ा हमला प्रदेश के विभिन्न जिलों में हो गया। उसके बाद बेमौसम बारिश से हजारों टन गेहू कि बर्वादी । इतना ही नहीं मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों का दबाव बना हुआ है। उससे बड़ा दबाव अपनी ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का है। जिसके कारण वह मंत्रिमंडल का विस्तार भी नहीं कर पा रहे हैं। नवीन मंत्रालय भवन के वास्तु दोष के कारण मुख्य सचिव को भी अपना पद कुछ ही दिनों में गंवाना पड़ा। वास्तु शास्त्री और ज्योतिषियों की राय में नए भवन के पूर्व एवं दक्षिण दिशा में वास्तु दोष उत्पन्न हो गया है। मंत्रालय भवन की 3 इमारतें, 3 तिगड़ा काम बिगड़ा की तर्ज पर मुख्यमंत्री पर भारी पड़ रहे हैं भवन निर्माण के समय वास्तु का ध्यान नहीं रखा गया। मध्यप्रदेश विधानसभा का वास्तु दोष ठीक नहीं हो पाया है। नई विधानसभा में हर साल विधायकों की बड़ी संख्या में मृत्यु होती है। अब मंत्रालय के वास्तु दोष की चर्चा आम लोगों के बीच होने लगी है।जिन चुनौतियों का सामना कमलनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में करना पड़ा था। उससे ज्यादा चुनौतियां अब शिवराजसिंह को अपने ही लोगों से मिल रही हैं।