जांच का मिला आश्वासन 26 दिन बाद पंचों की हड़ताल स्थगित बैठक में भी नहीं बन पाई सहमति महासम्मेलन में जुटेंगे किसान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मिला एक्सपायरी दवाओं का स्टॉक ग्राम पंचायत भरवेली के पंचों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 26 दिन बाद स्थगित कर दी गई है। यह फैसला जनपद पंचायत बालाघाट की सीईओ ममता कुलस्ते द्वारा लिखित में जांच का आश्वासन देने के बाद लिया गया। पंचों ने बताया कि सीईओ ने दो माह के भीतर आठ बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करने का भरोसा दिया है भरवेली पंचायत के उपसरपंच और कुछ पंच भ्रष्टाचार आर्थिक अनियमितता और निर्माण कार्यों की जांच सहित अन्य मांगों को लेकर लंबे समय से धरने पर बैठे थे। वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप पर प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची और चर्चा के बाद लिखित आश्वासन दिया गया सीईओ ने बताया कि पहले जिला स्तरीय समिति जांच कर रही थी लेकिन अब जांच की पूरी फाइल उन्हें सौंपी गई है। दो माह के भीतर रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुत की जाएगी। जिले के कटंगी क्षेत्र के पठार अंचल के किसानों की सिंचाई संबंधी समस्याएं अधिकारियों के साथ हुई बैठकों में दूर नहीं हो सकीं। प्रशासन द्वारा पहुंचविहीन क्षेत्रों में रबी फसल के लिए सिंचाई का पानी न देने के निर्णय से किसान बेहद चिंतित हैं। लगातार प्रयासों के बावजूद पठार संघर्ष समिति और राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ द्वारा दिए गए ज्ञापनों तथा हुई चर्चाओं का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है इसी के मद्देनज़र अब क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक ग्रामों के किसान 27 नवंबर को बोनकट्टा बाजार चौक में प्रस्तावित किसान महासम्मेलन में जुटेंगे। किसान इस मंच से सिंचाई के लिए आवश्यक बिजली और पानी उपलब्ध कराने की मांग सार्वजनिक रूप से उठाएंगे। इसके अलावा अन्य स्थानीय समस्याओं को भी प्रशासन के समक्ष मजबूती से रखा जाएगा। किसानों का कहना है कि इस बार वे ठोस आश्वासन मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे। शासकीय स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे द्वारा 22 नवंबर को किए गए निरीक्षण में जाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दयनीय स्थिति सामने आई। निरीक्षण के दौरान पता चला कि केंद्र में न तो कोई डॉक्टर पदस्थ है और न ही फार्मासिस्ट मौजूद रहता है। पूरा केंद्र नर्सों के भरोसे चल रहा है जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है विधायक मुंजारे ने दवाइयों का अवलोकन किया तो पाया कि फोलिक एसिड सहित कई दवाइयों की एक्सपायरी डेट निकल चुकी है। शासकीय अस्पताल में ऐसी दवाइयों का रखा जाना गंभीर लापरवाही माना गया। उन्होंने कहा कि यदि इन दवाइयों का उपयोग मरीजों पर हो जाता तो गंभीर स्थिति बन सकती थी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बिरसा विकासखंड के आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित ग्राम केरीकोना व लम्हेरीटोला के ग्रामीणों की वर्षों पुरानी पानी की समस्या का निराकरण कर दिया गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा इन दोनों ग्रामों में एक-एक हेंडपंप का खनन किया गया है। हैंडपंप के खनन होने से लंबे समय से चली आ रही पेयजल की समस्या का समाधान कर दिया गया है। ग्रामीणों को अब पानी की तलाश में लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी और गांव में ही स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो गई है ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं होने की जानकारी मिलते ही कलेक्टर मृणाल मीना ने इसे संज्ञान में लिया था। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को इन क्षेत्रों में तत्काल हेंडपंप खनन के निर्देश दिए थे। निर्देश मिलते ही विभाग ने बड़ी मशीनें लेकर स्थल पर पहुंचकर हेंडपंप खनन का कार्य पूरा किया। मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ मेडिकल सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स यूनियन का चुनाव सोमवार 24 नवम्बर को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। अध्यक्ष पद पर नोकेश बिसेन ने एकतरफा जीत दर्ज करते हुए लगातार चौथी बार अपना स्थान सुरक्षित किया। चुनाव में दो प्रत्याशी मैदान में थे जिनमें बिसेन को 87 और उनके प्रतिद्वंदी पुष्पेन्द्र पांडे को 45 मत मिले। इस प्रकार बिसेन ने 42 मतों के अंतर से महत्वपूर्ण जीत हासिल की। इससे पहले लगातार तीन बार वे सर्वसम्मति से निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाते रहे हैं लेकिन इस बार दो उम्मीदवार होने के कारण मतदान की प्रक्रिया अपनाई गई। चुनाव के बाद नई जिला कार्यकारिणी भी गठित की गई। उपस्थित मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स और पदाधिकारियों ने नव-निर्वाचित अध्यक्ष एवं टीम को पुष्पगुच्छ देकर शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर बिसेन ने मेडिकल प्रतिनिधियों के अधिकारों और लंबित मांगों को लेकर सरकार के समक्ष मजबूत आवाज उठाने का संकल्प व्यक्त किया। कान्हा बफ़र ज़ोन के खापा परिक्षेत्र की सरेखा और कासमेरी बीट में लैंटाना सफाई कार्य में भारी अनियमितताओं का मामला सामने आया है। ग्रामीणों के अनुसार लैंटाना उन्मूलन अभियान के तहत लगभग 22 से 25 हेक्टेयर क्षेत्र में सफाई कार्य कराया गया जिसका वास्तविक प्रस्ताव करीब ढाई लाख रुपये का था। मानव दिवस के आधार पर मजदूरों को पूरी मजदूरी मिलना थी लेकिन बीट गार्ड ने मात्र 80 हजार रुपये में ठेका देकर काम करवा लिया। आरोप है कि बीट गार्ड खापा आरो और समिति अध्यक्ष ने आपसी सांठगांठ कर मजदूरों के हक़ की राशि हड़प ली जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। मजदूरों ने पूरी मजदूरी दिलाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। मामले पर विभागीय निदेशक रविन्द्र मणि त्रिपाठी ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि मजदूरों को न्याय कब तक मिलता है।