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क्षेत्रीय
19-Aug-2025

पुलिस की मानवीय पहल: नक्सली कमांडर की मां को मिली आंखों की रोशनी एमएससी बॉटनी छात्रों का प्रदर्शन परिणाम में गड़बड़ी पर धरना और नारेबाजी स्कूल की जर्जर छत पर अभिभावकों ने जताई चिंता कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन जिले में पुलिस की मानवीय पहल ने समाज में एक मिसाल पेश की है। नक्सली कमांडर संगीता की मां चमवे बाई जिनका मोतियाबिंद था उनका ऑपरेशन कर आंखों की रोशनी वापस दिलाई गई। पुलिस ने हाल ही में सोनगुड्डा में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में मोतियाबिंद के मरीजों की पहचान की और चमवे बाई समेत छह बैगा आदिवासियों को देवजी नेत्रालय जबलपुर भेजा। सफल ऑपरेशन के बाद सभी मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे। मंगलवार को पुलिस लाइन संवाद केंद्र में एसपी आदित्य मिश्रा ने चमवे बाई और अन्य ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी कुशलता जानी और बेहतर स्वास्थ्य की शुभकामनाएं दीं। चमवे बाई ने अपनी बेटी संगीता से आत्मसमर्पण कर समाज में लौटने की अपील भी की। जटाशंकर त्रिवेदी स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालाघाट में एमएससी बॉटनी चौथे सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम घोषित होते ही छात्रों में आक्रोश फैल गया। परिणाम में 150 में से 100 छात्रों को एटीकेटी आने पर उन्होंने मंगलवार को कॉलेज गेट पर धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। छात्रों ने प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिणाम में सुधार की मांग की छात्रों ने बताया कि सीसी विषय के अंक सही ढंग से दर्ज नहीं किए गए जबकि अन्य विषयों में उन्हें अच्छे अंक मिले थे। उन्होंने समय पर परीक्षा दी थी और प्रोफेसर को ईमेल भी भेजा था। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र सुधार नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। जनपद पंचायत बिरसा अंतर्गत ग्राम पंचायत गिडोरी में शासकीय प्राथमिक स्कूल भवन की जर्जर हालत ने बच्चों और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। बारिश के दिनों में स्कूल की छत टपकती है जिससे बच्चों के लिए कक्षाओं में बैठना मुश्किल हो गया है और दुर्घटना का भय बना रहता है। मंगलवार को ग्राम पंचायत के सरपंच मंगलूसिंह धुर्वे सहित बच्चों के अभिभावकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने शीघ्र नवीन स्कूल भवन निर्माण की मांग की। सरपंच धुर्वे ने बताया कि पूर्व में भी कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और कलेक्टर को यह समस्या बताई गई लेकिन अब तक मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिले के लालबर्रा क्षेत्र के ग्राम सोनेवानी अभयारण में स्थित सभी वन ग्रामों को शासन द्वारा विस्थापित किया जा रहा है। इसी क्रम में ग्राम नवेगांव के सभी आदिवासी जिला पंचायत सदस्य डुलेन्द्र ठाकरे के नेतृत्व में मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा ग्रामीणों ने मांग की कि नवेगांव के सभी विस्थापित आदिवासियों को ग्राम खैरगोंदी की शासकीय घास मद की पड़त भूमि को आबादी घोषित कर आवास हेतु प्रदान किया जाए। उन्होंने बताया कि उक्त भूमि पर्याप्त है और सभी परिवारों का मकान बन सकता है। साथ ही इस स्थान पर खेती-बाड़ी और अन्य सुविधाओं के लिए भी कोई समस्या नहीं होगी। जिले में मंगलवार को अलग-अलग शासकीय विभागों के संविदा कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे। कर्मचारियों ने रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों ने संविदा नीति-2023 को यथावत लागू करने की मांग की है। इस दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी भी की।भारतीय मजदूर संघ से जुड़े संविदा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक विनोद कुमार वट्टी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के हित में संविदा नीति -2023 लागू की थी लेकिन विभाग प्रमुखों ने इसे अपने अनुसार लागू किया है। जिससे संविदा कर्मचारियों के अधिकारों का हनन हो रहा है। भटेरा रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण के लिए प्रशासन ने कुल 212 भू-स्वामियों की जमीन अधिग्रहण हेतु चिन्हित की है। इनमें से 122 भू-स्वामियों ने आपत्ति दर्ज कराई है और शासकीय दर के बजाय कमर्शियल दर से मुआवजा देने की मांग की है। आपत्तियों का निपटान करने के लिए बालाघाट एसडीएम ने आठ सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। दल आपत्तिकर्ताओं से मिलकर मौके पर जाकर तथ्यों की जांच कर रहा है। मंगलवार को भी दल ने भटेरा क्षेत्र का दौरा कर कई मामलों की पड़ताल की भटेरा रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज निर्माण कार्य शुरू हो चुका है लेकिन बस स्टैंड से लेकर रेलवे क्रॉसिंग तक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अधूरी होने के कारण काम अटका हुआ है। लामता तहसील के मौरिया पंचायत के कुम्हारी और पांडेवाड़ा गांवों में लगभग 3 महीने से जल निगम द्वारा नल जल की सप्लाई बंद है। ग्रामीणों ने बताया कि वे नियमित रूप से प्रति माह पानी का बिल जमा कर रहे हैं फिर भी उन्हें नल से पानी नहीं मिल रहा है। इस कारण लोगों को कुआ और हेंडपम्प का पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि हेंडपम्प का पानी कभी जंकयुक्त और कभी तेल जैसी गंध वाला होता है। पानी की आपूर्ति ठप होने का मुख्य कारण हाल ही में आई बाढ़ में जल निगम की पाइपलाइन का बह जाना बताया जा रहा है। स्थानीय लोग जल निगम की कार्यप्रणाली को घटिया करार दे रहे हैं क्योंकि तीन महीने बाद भी पाइपलाइन को जोड़ने का कार्य नहीं किया गया है।