गिरने से सिर में चोट लगने पर ईलाज दौरान मौत परिजन ने जताया मारपीट कर संदेह अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन के महापुरूषों और स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी शहीदो को किया याद शहर में निकाली क्रांति रैली धूमधाम से विसर्जन की गई भुजलियां आपस में कजलिया देकर लिया बड़े बुर्जुगों का आर्शीवाद खैरलांजी थाना अंतर्गत खैरलांजी में निर्माणाधीन सीएमराईज स्कूल में काम करते समय गिरने से एक मजदूर की चोट आने पर ईलाज दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई है। इस मामले में मृतक के परिजन द्वारा मारपीट में चोट आने से मौत होने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है। अस्पताल चौकी पुलिस को मामले की तहरीर मिलने पर पुलिस ने मृतक राजेन्द्र पिता मुन्नालाल राहंगडाले ४५ वर्ष निवासी लवादा थाना लालबर्रा के शव का पंचनामा व पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया। अस्पताल पुलिस चौकी से मिली जानकारी के अनुसार मृतक राजेन्द्र को ८ अगस्त की रात करीब ११ बजे खैरलांजी अस्पताल से रिफर में लाकर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। जिसकी ईलाज दौरान १० अगस्त की सुबह करीब ९ बजे मौत हो गई। ९ अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर पूर्व सांसद व क्रांतिकारी नेता कंकर मुंजारे के नेतृत्व में शहर के डॉ. राम मनोहर लोहिया चौक से क्रांति रैली निकाली। जो हनुमान चौक में स्थित शहीद चन्द्रशेखर आजाद व महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली सराफा बाजार राजघाट चौक व कालीपुतली चौक से रानी अवंतीबाई चौक पहुंची। रैली में करो या मरो जालिम काले अंग्रेजों भारत को लूटना बंद करो अन्याय अत्याचार शोषण भ्रष्टाचार बंद करो पहले भागे गोरे अंग्रेज अब भागेंगे काले अंग्रेज इंकलाब जिंदाबाद क्रांति अमर रहे के नारे लगाये गये। रैली के दौरान शहर के प्रमुख चौराहों पर लगे महापुरूषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। भाई-बहन के स्नेह व प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन के दूसरे दिन भुजलियां पर्व बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ रविवार १० अगस्त को शहर मुख्यालय सहित पूरे जिले भर में मनाया गया। इस पर्व को कजलिया के नाम से भी जाना जाता हैं। भुजलियां पर घरों में श्रद्धालुओं द्वारा बोई गई भुजलियों को विसर्जन के लिये गांव व मोहल्ले के प्रमुख चौक चौराहों में महिलाओं व युवतियों द्वारा लाकर एकत्रित होकर एक साथ ढोल नगाड़ों की धुनों पर नदी तट व तालाब एवं नहरों में पहुंचकर पूजा अर्चना कर विसर्जित किया गया। भुजलियां विसर्जन के पश्चात गांव के देव स्थान व घरों में पूजा स्थल में भुजली चढ़ाकर आपस में एक दूसरे को भुजलियां देकर बधाईयां दी गई व बड़े बुर्जुगों का चरण छूकर आर्शीवाद लिया गया।