आज़ादी के दशकों बाद भी परसवाड़ा क्षेत्र में ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। बोरी और परसवाड़ा के बीच घिसर्री नदी पर पुल नहीं होने से लोग आज भी लकड़ी की नाव से जान जोखिम में डालकर सफर करते हैं। बारिश के समय एक नाविक बांस के डंडे से नाव चलाकर ग्रामीणों को पार कराता है। लोग नाव में बैठने से पहले भगवान को याद करते हैं। यह 21वीं सदी के भारत की विडंबनात्मक तस्वीर है जहां डिजिटल इंडिया की बात होती है लेकिन ज़मीन पर हालात 18वीं सदी जैसे हैं। प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश है और वे स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। ग्राम पंचायत गर्रा में डायरिया का प्रकोप फैल गया है। बीते दो दिनों में 9 ग्रामीण इसकी चपेट में आ चुके हैं जिनमें से दो की हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और सीएचओ लगातार अनुपस्थित रहते हैं। 17 जुलाई की रात से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी लेकिन प्राथमिक उपचार के लिए पहुंचने पर केंद्र बंद मिला। मजबूरी में मरीजों को निजी डॉक्टरों के पास ले जाना पड़ा। सरपंच वैभव बिसेन ने बताया कि सूचना के बावजूद कोई स्वास्थ्य अधिकारी नहीं पहुंचा जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है और वे बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग कर रहे हैं। शहर के व्यस्त मोती तालाब चौक स्थित एक बेकरी में अज्ञात चोरों ने सेंध लगाकर करीब 1 लाख रुपये मूल्य का सामान और 25 हजार रुपये नकद चुरा लिए। हैरानी की बात है कि यह दुकान आईजी कार्यालय से 100 और कोतवाली थाना से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर है। बेकरी संचालक अंकुश बाजपेई के अनुसार सुबह दुकान खोलते ही चोरी का पता चला। चोर बिस्किट चॉकलेट डेली नीड्स आइटम्स भी उठा ले गए। उन्होंने पुलिस गश्त और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए रात्रिकालीन गश्त बढ़ाने की मांग की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है लेकिन अभी तक चोरों का कोई सुराग नहीं लग सका है। वैश्य महासम्मेलन इकाई बालाघाट द्वारा 18 जुलाई को एक निजी लॉन में जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सुधीर अग्रवाल महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष ज्योति जैन महामंत्री सत्यनारायण अग्रवाल अर्चना गुप्ता संदीप नेमा समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि कार्यसमिति के निर्णयों के क्रियान्वयन के लिए जिलों व तहसीलों में बैठकें आयोजित की जा रही हैं। संगठन द्वारा दो नवाचार किए गए हैं—भोपाल में 25 करोड़ की लागत से वैश्य भवन और छात्रावास का निर्माण। वैश्य महासम्मेलन शिक्षा चिकित्सा और सामाजिक सेवा के क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।