1. बैंक डिपॉजिट बीमा कवर बढ़कर 10 लाख हो सकता है सरकार डिपॉजिट इंश्योरेंस की सीमा को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले 6 महीनों में इस पर फैसला लिया जा सकता है। वर्तमान में बैंक डूबने की स्थिति में डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत ग्राहकों को अधिकतम 5 लाख रुपए तक की राशि मिलती है जो 90 दिनों के भीतर दी जाती है। नई सीमा पर फैसला कई पहलुओं के आधार पर लिया जाएगा जैसे- कितने खाताधारक कवर होंगे और सरकार की गारंटी की सीमा क्या होगी। 2. शेयर बाजार में गिरावट सेंसेक्स 450 अंक टूटा हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन यानी 27 मई को शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 450 अंक गिरकर 81725 के स्तर पर पहुंच गया जबकि निफ्टी में 150 अंकों की गिरावट के साथ यह 24850 पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स के 30 में से 22 शेयरों में गिरावट और 8 में तेजी रही। आईटी और ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली हुई। वहीं निफ्टी के 50 में से 35 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है। 3. इंडिगो के को-फाउंडर बेचेंगे 3.4% हिस्सेदारी इंडिगो एयरलाइन के को-फाउंडर राकेश गंगवाल कंपनी में अपनी 3.4% हिस्सेदारी बेच रहे हैं। यह डील करीब 6831 करोड़ रुपए की होगी। ब्लॉक डील के तहत शेयरों की न्यूनतम कीमत ₹5175 तय की गई है जो पिछली क्लोजिंग कीमत से 4.5% कम है। फिलहाल गंगवाल परिवार के पास कंपनी में 13.5% हिस्सेदारी है। इससे पहले भी वे अगस्त 2024 और मार्च 2024 में अपनी हिस्सेदारी घटा चुके हैं। यह डील उनके 2022 में किए गए फैसले का हिस्सा है जिसमें उन्होंने 5 साल में हिस्सेदारी कम करने की बात कही थी। 4. सोना-चांदी के दाम में तेजी सोने और चांदी की कीमतों में आज बढ़त दर्ज की गई। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम ₹342 बढ़कर ₹95813 हो गया है। वहीं चांदी ₹488 महंगी होकर ₹97397 प्रति किलो पर पहुंच गई है। हाल ही में सोना ₹99100 (21 अप्रैल) और चांदी ₹100934 (28 मार्च) का ऑल टाइम हाई छू चुके हैं। 5. भारत बना चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था लेकिन आमदनी में जापान से पीछे नीति आयोग के CEO के अनुसार भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर लिया है। हालांकि प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत अब भी काफी पीछे है। जापान के मुकाबले भारत की प्रति व्यक्ति आय 12 गुना कम है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ी इकोनॉमी और प्रति व्यक्ति आय दोनों ही अलग आर्थिक संकेतक हैं जिनका आम लोगों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।