सोना महंगा हुआ चांदी में गिरावट इस हफ्ते सोने के दामों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 15 मार्च को सोना ₹86843 प्रति 10 ग्राम था जो 22 मार्च को ₹88169 पर पहुंच गया। इस दौरान सोने की कीमत ₹1326 बढ़ी। दूसरी ओर चांदी की कीमत में गिरावट रही। 15 मार्च को ₹98322 प्रति किलो बिक रही चांदी अब ₹97620 पर आ गई है यानी ₹702 की गिरावट हुई। 17 मार्च को चांदी ने ₹100400 और 20 मार्च को सोने ने ₹88761 का ऑल-टाइम हाई बनाया था। 2. 1 अप्रैल से इनएक्टिव मोबाइल नंबरों पर काम नहीं करेगा UPI यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से जुड़े नए नियम 1 अप्रैल से लागू होंगे। लंबे समय से इनएक्टिव मोबाइल नंबरों को UPI सिस्टम से हटा दिया जाएगा। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को इन नंबरों को डीलिंक करने के निर्देश दिए हैं। इससे उन यूजर्स पर असर पड़ेगा जिनके बैंक अकाउंट में पुराना या बंद नंबर लिंक्ड है। NPCI जल्द ही पुल ट्रांजैक्शन फीचर भी बंद कर सकती है। 3. SSF प्लास्टिक्स इंडिया लाएगी ₹550 करोड़ का IPO महाराष्ट्र स्थित प्लास्टिक पैकेजिंग प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी SSF प्लास्टिक्स इंडिया जल्द ही इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लेकर आ रही है। कंपनी ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया है। इस IPO के जरिए कंपनी ₹550 करोड़ जुटाएगी जिसमें ₹300 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे और प्रमोटर ₹250 करोड़ के शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बेचेंगे। 4. सेंसेक्स 557 अंक चढ़कर 76905 पर बंद शुक्रवार 21 मार्च को सेंसेक्स 557 अंक की बढ़त के साथ 76905 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 159 अंक चढ़कर 23350 पर पहुंच गया। सेंसेक्स के 30 में से 25 शेयरों में तेजी रही जिसमें NTPC 3.09% बजाज फाइनेंस 2.62% और कोटक महिंद्रा बैंक 2.14% ऊपर रहे। वहीं महिंद्रा टाटा स्टील इंफोसिस टाइटन और बजाज फिनसर्व में 1% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। NSE के सेक्टोरल इंडाइसेज में मीडिया शेयरों में 2.20% ऑयल एंड गैस में 1.84% और सरकारी बैंक में 1.06% की बढ़त रही जबकि निफ्टी मेटल में 1% की गिरावट दर्ज हुई। 5. ओला के शेयर में 9% की तेजी शुक्रवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में करीब 9% की तेजी देखी गई। कारोबार खत्म होने पर शेयर 8.26% बढ़कर ₹55.98 पर बंद हुआ। यह तेजी कंपनी के उस बयान के बाद आई जिसमें उसने सेल्स और व्हीकल रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी के आरोपों को गलत बताया। गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारी उद्योग मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय ओला की जांच कर रहे हैं। कंपनी ने स्पष्ट किया कि उसके खिलाफ कोई रेगुलेटरी या कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं हुई है।