मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राजधानी में चाय पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान टाइगर शराब के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। असल में यह टाइगर कोई शराब नहीं, बल्कि यह सेनेटाइजर निकला। इसे नशे के रूप के सेवन किया जा रहा था। सीएम के तेवर के बाद जिला प्रशासन और आबकारी विभाग तत्काल हरकत में आया। सहायक आयुक्त आबकारी राकेश कुर्मी के निर्देशन में कंट्रोलर एचएस गोयल ने आबकारी टीम के साथ साई बोर्ड 11 नंबर और 12 नंबर मल्टी और उसके आसपास की झुग्गियों और अन्य जगहों पर दबिश दी। अमले को पूनम उर्फ लंगड़ा के 15 क्वाटर्स देशी शराब के मिले। उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। आबकारी अमले ने देर शाम को फिर इन क्षेत्रों में दबिश दी। लोगों ने अमले को बताया कि टाइगर कोई शराब नहीं, बल्कि रंगहीन सेनेटाइजर का एक ब्रांड है, इसमें स्प्रिट की मात्रा ज्यादा रहती है। यह प्लेन शराब जैसा दिखता है। जिसे लोग नशे के रूप में सेवन करते हैं।