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क्षेत्रीय
23-Oct-2021

1 सद्बुद्धि यज्ञ कर डेंजर रोड किनारे लगे पेड़ काटे जाने का सेव रिवर फाउंडेशन ने जताया विरोध 2 बालाघाट मे बिक रहा 118 रूपए लीटर पेट्रोल,डीजल 107 पर , बढती महंगाई से लडखडा चुका आर्थिक बजट 3 लालबर्रा में मनाया गया माँ सरस्वती महोत्सव 1 सेव रिवर फाउंडेशन ने गर्रा पुलिया के पास डेंजर रोड से जागपुरघाट से गोंगलई होते हुए गोंदिया रोड को जोडने बनाए जा रहे बॉय पास रोड के लिए डेंजर रोड किनारे लगे पेड़ काटे जाने का विरोध जताया । शासन-प्रशासन को सद्बुद्धि दिलाने डेंजर रोड में हवन यज्ञ भी कराया गया। फाउंडेशन के युवाओं ने डेंजर रोड पर खड़े होकर प्रकृति से खिलवाड़ बंद करो व डेंजर रोड पर पेड़ कटाई बंद करो के नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। 2 कोरोना काल में बेपटरी हुई जिंदगी को पटरी पर आये ज्यादा समय नही बिता। लेकिन अब बढती महंगाई ने आम जनता की जिंदगी पर वज्रघात करना शुरु कर दिया है जो सरकार की कुटनीति का बडा परिणाम समझा जा रहा है। सरकार अपना खजाना भरने के लिये जनता का खून निचोड रही है। पेट्रोल डीजल से लेकर रसोइ गैसए खाद्य तेलए साग.सब्जीए खाद्य सामाग्री व दैनिक उपयोगी वस्तुओं के दामो में काफी ईजाफा हो रहा है जहां बढती महंगाई से आम जनता का बजट लडखडा गया है लेकिन सरकार का खजाना भरता जा रहा है। पिछले एक पखवाडे से देखा जा रहा है कि बालाघाट जिले में रोजाना पेट्रोल डीजल के दामो में 35 से 40 पैसे की बढौतरी हो रही है। जहां ये दोनो की ईधन तेल जिले में एक नया इतिहास भी गढ रहे है। वर्तमान स्थिति में बालाघाट जिले में पेट्रोल के दाम 118.25 और डीजल के दाम 107.45 पैसा हो गया हैए जिसे जानकर जनता तो बौखला उठी है लेकिन कही कोई सुनवाई नही हो रही है। 3 पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर सुहागनों द्वारा रविवार को करवामाता का कठिन उपवास किया जावेगा। जिसको लेकर बाजार में आज करवा व पूजन सामग्री की दुकानें सजी रही। करवाचौथ की पूजा को लेकर महिलाओं द्वारा तैयारियां की जा रही है। पहली बार उपवास रखने वाली नव-विवाहितों में करवाचौथ को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। करवाचौथ को लेकर बाजार गुलजार रहा और पूजन सामग्री खरीदने महिलाओं की काफी दोपहर से देर शाम तक काफी चहल-पहल रही। 4 बालाघाट जिले के इतिहास के पन्नो में ऐसी अनेको अनसुनी व अनसुलझी कहानियां दफन हो चुकी है जिनके बारे में आज भी कोई पूरा सच नही जानता। यदि कोई जानता भी हो तो उसे पूरा रहस्य पता नही होता। एक ऐसी ही कहानी है कान्हा के लपसी शिकारी की, जो इतिहास के पन्नो में दफन हो चुकी है और उसके बारे किसी को खास जानकारी भी नही है। दरअसल, पर्यटन के दृष्टिकोण से मध्यप्रदेश के 6 नेशनल पार्को में से एक कान्हा नेशनल पार्क सुप्रसिद्ध स्थान माना जाता है। जहां वर्तमान में यहाँ भारी मात्रा में बाघ समेत अन्य वन्यप्राणियो की बहुलता है। लेकिन 90 के दशक में यही स्थान शिकारियों की शरण स्थली बना हुआ करता था और यह भारी मात्रा में बाघो का शिकार भी होता था। जनवरी 1930 में एक बाघ के हमले से लपसी शिकारी के आतंक का अंत भी हो गया। जिसके बारे में वीरेंद्र नेताम नामक व्यक्ति ने बताया जो कान्हा पार्क में सैलानियों के लिये गाईड का काम करता है। वर्तमान में कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की रेंज में बनी एक कब्र में दफन हो चुका है। यहां के लोग आज भी उसकी कब्र पर जाकर उसे श्रद्धांजली अर्पित करते है। और उसकी कब्र पर नारियल व पत्थर की भेंट चढाते है। 5 लालबर्रा में आयोजित होने वाला मां सरस्वती महोत्सव बालाघाट जिले ही नहीं बल्कि महाकौशल में विभिन्न आयोजनों एवं मनमोहक झांकियों के लिए जाना जाता है। जो इस वर्ष अपने सफलतम 29वें वर्ष में बड़े ही हर्षोल्लास माहौल में मनाया गया जहां विभिन्न धार्मिक, पारंपरिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन आयोजक समिति द्वारा किया जा गया है।