Hindi News Agency,Public Search Engine, Public directory - Express Media Service
क्षेत्रीय
14-Oct-2021

1 किसानों की मेहनत का दिखने लगा रंग, खेतों में लहलहा रही धान की फसल, मौसम साफ होते ही कटाई कार्य में जुटे किसान 2 नवमीं के अवसर पर जगह-जगह कन्यापूजन और भंडारा का हुआ आयोजन 3 और रावण दहन को लेकर असमंजस बरकरार 1 खेतों में जी तोड़ मेहनत के बाद आखिरकार किसानों की मेहनत का रंग दिखने लगा है। खरीफ सीजन में लगाई गई हल्की प्रजाति की धान फसल इन दिनों लहलहा रही है। जिससे किसानों के चेहरे खिलते नजर आ रहे हैं वहीं जुलाई माह के शुरूआती दिनों में लगाई हल्की प्रजाति की धान फसल पककर तैयार हो चुकी है, जिसका किसानों द्वारा मौसम साफ होते ही युद्ध स्तर पर कटाई कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। किसानों के मुताबिक जुलाई माह में धान प्रजाति के अलावा अन्य हल्की फसल की रोपणी की गई थी, पर्याप्त पानी मिलने और समय पर रोपणी होने से वर्तमान में उक्त धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है वही समय पर खाद की पर्याप्त मात्रा दिए जाने से फसल का उत्पादन उम्मीद के अनुरूप होने का अनुमान है। 2 नवरात्रि के पावन अवसर पर गुरूवार को दुर्गा पंडालों मे हवन-पूजन कर कन्या पूजन व भंडारा का आयोजन किया गया। नगर के राजघाट चौक स्थित आराधना दुर्गा उत्सव में कन्या पूजन कर भंडारा का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मातारानी का प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। इसी तरह वार्ड नंबर 33 सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति, मां कुष्मांडा मंदिर समिति में भी भंडारा का आयोजन किया गया। 3 प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी शहर मुख्यालय के उत्कृष्ट स्कूल मैदान में दशहरा पर्व पर दशानन रावण के पुतले के साथ कुंभकरण एवं मेघनाथ का भी पुतला दहन किया जाएगा। आयोजन समिति के द्वारा रावण का पुतला मैदान में तैयार किया जा रहा है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते व शासन की गाईड लाइन को देखते हुए चल समारोह को लेकर असंमजस की स्थिति बनी हुई है। इस संबंध में महावीर सेवा दल के वरिष्ठ पदाधिकारी किशनलाल बत्रा ने बताया कि अब तक प्रशासन के द्वारा यह तय किया गया कि गत वर्ष की तरह ही स्थानीय सर्किट हाऊस से प्रभु श्रीराम व लक्ष्मण की शोभायात्रा निकलकर सीधे रावण दहन स्थल पहुंचेगी जहां रावण दहन किया जाएगा। 4 मातारानी की पूजा आराधना का पर्व शारदेय नवरात्रि के नवमी को माता मंदिर व घरों में रखे जवारा व कलशों का विसर्जन 14 अक्टूबर को मातारानी की जय घोष के साथ ढोल नगाड़े व देवी जसों की धुनों के साथ विधि-विधान से किया गया। जवारा व कलश विसर्जन का सिलसिला सुबह से देर शाम तक चलता रहा। श्रद्धालुओं द्वारा कलश व जवारा का विसर्जन नदी, तालाब व नहरों में किया गया। मातारानी की प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला 15 अक्टूबर को दशहरा मनाने के बाद प्रारंभ हो जाएगा। 5 बालघाट के अन्नपूर्णा मंदिर प्रांगण में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी नवरात्रि के नवमी के पावन अवसर पर अन्नपूर्णा मंदिर ट्रस्ट द्वारा गौ पूजन का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें गौ माता का शृंगार कर चुनरी ओढ़ाकर पाजेब पहनाया गया और फल एवं मिष्ठान का भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया। वहीं इस अवसर पर शस्त्र पूजन और कन्याओं के पांव पखारे गए व कन्याओं को उपहार प्रदान किया गया और उसके बाद कन्या भोज का आयोजन किया गया। 6 जयंती समारोह समिति के तत्वाधान में बौद्ध अनुयायियों द्वारा 14 अक्टूबर को धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस पूर्ण आस्था के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बौद्ध अनुयायियों ने आम्बेडकर चौक पर पहुंच बाबा साहब आम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। गौरतलब है कि 14 अक्टूबर 1956 को बाबा साहब आम्बेडकर ने अपने 5 लाख अनुयायियों के साथ नागपुर की दीक्षा भूमि में बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की थी। जिससे इस दिन को सभी आंबेडकर अनुयायी धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाते है। धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस शहर में स्थित विभिन्न बौद्ध विहारों में भी मनाया गया। 7 बौद्ध धम्म उपासकों द्वारा 65वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस किरनापुर में बड़े ही हर्षोल्लास एंव धूमधाम से मनाया गया। शाक्यमूनि बौद्ध विहार से कार्यक्रम की शुुरूआत की गई जिसमें सर्वप्रथम धम्म पंचशील ध्वजारोहण पश्चात सामूहिक रूप से पूजा वंदना महापरित्राण पाठ का आयोजन किया गया जिसके बाद प्रसादी का वितरण किया गया वही धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस के पावन अवसर पर बौद्ध अनुयायियों द्वारा शाक्यमुनि बौध्द विहार से विशाल रैली निकालकर किरनापुर नगर का भ्रमण किया गया जहां समाज सेवियों के द्वारा जगह-जगह स्वागत कर जलपान कराया गया। इस दौरान नगरवासियों में आपसी प्रेम व उत्साह नजर आया जिसके बाद भोज व धम्म संगोष्ठि का आयोजन किया गया।