Hindi News Agency,Public Search Engine, Public directory - Express Media Service
राज्य
08-Oct-2021

आयुष विभाग विभाग विभाग में फर्जी एडमिशन मामले में एक और चौकाने वाला मामला सामने आया है। सूत्रों ने जानकारी दी कि फर्जी एडमीशन की संख्या साढ़े 549 से कहीं ज्यादा है। क्योंकि 549 से अधिक एडमीशन सिर्फ एमयू से संबद्ध कॉलेजों की है, आरकेडीएफ, एलएनसीटी और प्रदेश के अन्य विवि की संख्या लें तो फर्जी एडमीशन का आंकड़ा डेढ़ हजार से अधिक हो जाता है। इसी वर्ष मई माह ने इस विषय में संज्ञान लेते हुए प्रदेश के सभी प्राचार्यों, डीन के साथ सभी आयुर्वेद और यूनानी कॉलेजों को निर्देशकों को ऐसे फर्जी एडमीशन की जानकारी साझा करने भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद द्वारा पत्र लिखा गया था लेकिन जांच के बाद भी जहाँ अब तक शासन प्रशासन कार्रवाई नहीं कर पा रहा है जिम्मेदार विधानसभा में जानकारी नहीं दे पा रहे हैं तो परिषद को जवाब कौन देगा। विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीएएमएस, डीयूएमएस, बीएचएमएस और वीएनवायएस एवं एडीएमएस आयुर्वेद एवं एमडी होम्योपैथी में प्रवेश हेतु वर्ष २०१७-१८ में पाहुट और वर्ष २०१८-१९ में प्रवेश हेतु नीट परीक्षा आयोजित की गई। इसी परीक्षा में उतीर्ण विद्यार्थियों को अंकों के आधार पर विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संचालनालय ऑनलाईन काउंसिलिंग आयोजित की जाती है। कुछ विद्यार्थी जो प्रवेश परीक्षा में शामिल ही नहीं हो पाए या काउंसिलिंग में जिन्हें किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं मिला उन्हीं को बैक डोर एंट्री देने नियमों को ताक पर रख कर ऑफलाईन काउंसलिंग कराई गई थी। इस पूरे मामले का मास्टरमइंड आयुष संचालनालय तत्कालीन ओएसडी और एमयू के वर्तमान उपकुलसचिव,डॉ. जे. के. गुप्ता पर आज तक कोई कार्रवाही नहीं हुई है।