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क्षेत्रीय
29-Sep-2021

बालाघाट मे रोजाना लगाया जा रहा आईपीएल सट्टा ,पुलिस बनी मुकदर्शक कोरोना काल में कंकर मूंजारे बना रहे थे रेतघाटो के वीडियो , पत्रकारवार्ता मे शांति सामाजिक समरसता के पदाधिकारियो ने किया विरोध सामाजिक कार्यकर्ता इमरान खान ने माइन की बदहाल चिकित्सा व्यवस्था पर उठाए सवाल ! 1 जहां प्रतिवर्ष आईपीएल मैच का दौर शुरू होता है ठीक उसी तरह प्रदेश के सभी जिलों में सट्टोरियों की दुकान भी सज जाती है। यह कहना उचित है कि यह सटोरीयों किक्रेट मैंचो पर खेलने वाले खिलाड़ीयों के साथ साथ कौन सी टीम जितेंगी जिस पर मोबाईल के माध्यम से संपर्क कर पैसे का दाव लगाने का काम करते है लेकिन इसी क्रम में यदि देखा जाए तो बालाघाट में यह बाजार का खुलना आम बात हो गई है। क्योंकि बालाघाट की पुलिस के द्वारा सट्टा बाजार पर किसी प्रकार का अंकुश नहीं लगा पा रहे है। जिसके चलते सट्टोरियों की चांदी होते हुए नजर आ रही है। गौरतलब है कि बालाघाट में आईपीएल सट्टा बाजार पर पिछले साल कोतवाली थाना के तात्कालीन टीआई के द्वारा छापामार कार्यवाही करते हुए लैपटॉप सहित कुछ साम्रगीयां जप्त की गई थी। यह सट्टा बाजार शहर के मध्य एक मकान की छत पर चलाया जा रहा था । तब से आज तक प्रतिवर्ष आईपीएल मैच के शुरूआती दौर से बालाघाट शहर में कथाकथित लोगों के द्वारा सट्टा खिलाने का काम किया जा रहा है फिर भी पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बनते हुये किसी प्रकार की कार्यवाही करने में पीछे हटते हुए दिखाई दे रहा है। 2 शहर के होटल शीतल पैलेस में बुधवार को शांति सामाजिक समरसता के पदाधिकारियों के द्वारा बैठक आयोजित की गई... जहां उनके द्वारा कहा गया कि बालाघाट पूर्व सांसद कंकर मुंजारे के द्वारा जो रेत कारोबारियों के खिलाफ में साजिश रची जा रही है एवं उनके खिलाफ रैली निकालकर उनका विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.... उसके विरोध में शांति सामाजिक समरसता के द्वारा बैठक आयोजित की गई... एवं उनके द्वारा बताया गया कि जिले के जनप्रतिनिधि जो कोरोना काल में लोगों की मदद करने के लिए आगे नहीं आए लेकिन रेत घाट में जाकर रेतों के निरीक्षण जरूर किया... एक ऐसे नेता लोगों के लिए काम नहीं करते... बल्कि वह रेत के खिलाफ हमेशा आवाज उठाते हैं जबकि जिले में 48 से 50 करोड़ के रेत स्वीकृत हुए हैं बालाघाट जिला एक ऐसा वन संपदा एवं खनिज संपदा जिला है जिससे सरकार को राजस्व प्राप्त होता है.... उसके बावजूद ऐसे जनप्रतिनिधि के द्वारा लोगों को बरगलाया जा रहा है ...एवं भ्रमित किया जा रहा है ...इसी के साथ ही वह गुंडागर्दी एवं ब्लैक मेलिंग में भी प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि बन चुके हैं जिसका शांति सामाजिक समरसता के सदस्यों के द्वारा विरोध किया गया है। 3 मध्य प्रदेश का बालाघाट जिला मैगनीज की नगरी के नाम से जाना जाता है जिसे एशिया की सबसे बड़ी मैग्नीज खदान का भी दर्जा दिया गया है.. लेकिन यहां कार्यरत कर्मचारियों को ना तो चिकित्सा सुविधा का भरपूर लाभ मिल रहा है और ना ही उनका उपचार भी ठीक तरह से इस चिकित्सालय में हो पाता है.. हालांकि बाहर से देखने में यह हॉस्पिटल किसी मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल से कम नहीं लेकिन इस हॉस्पिटल के अंदर जाने पर ही आपको पता चल जाएगा कि यहां स्वास्थ्य सुविधा को लेकर इलाज करने के लिए क्या-क्या उपकरण उपलब्ध हैं... ऐसे में इस अस्पताल की बदहाल अव्यवस्था को लेकर यहां के स्थानीय निवासी एवं सामाजिक कार्यकर्ता इमरान खान ने कुछ सवाल उठाए हैं ! गौरतलब है कि 1 दिन पूर्व माइन में कार्य करने के दौरान दो श्रमिकों की संदिग्ध अवस्था में अचानक मौत हो गई.... हालांकि उन्हें चिकित्सा के लिए माइन हॉस्पिटल में लाया तो गया किंतु जहां सुविधा ना होने के चलते उन्हें बालाघाट रिफर कर दिया गया जहां डॉक्टर ने दोनों ही श्रमिकों को मृत घोषित कर दिया अब इनकी मौत कैसे हुई यह स्पष्ट होना बाकी है वहीं इस पूरे मामले में सामाजिक कार्यकर्ता इमरान खान ने माइन की चिकित्सा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं जिससे साफ जाहिर होता है कि इतनी बड़ी मैगनीज माइन में चिकित्सा व्यवस्था बदहाल पड़ी है जहां छोटी से छोटी बीमारी का भी इलाज कराने पहुंचे मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटलों में रिफर कर दिया जाता है! इस पूरे मामले में सामाजिक कार्यकर्ता इमरान खान ने माइन मैनेजमेंट को जवाबदार बताया है 4 बालाघाट नगर पालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी सतीश मटसेनिया ने आज नगर के वार्ड नंबर- 1, 12, 23, 24 और 25 का भ्रमण कर वहां के नागरिकों की विभिन्न समस्याओं को सुना और मौके पर निरीक्षण कर समस्याओं का समाधान भी किया गया। इस दौरान उन्होंने नागरिकों से कहा कि वे अपने आसपास साफ-सफाई बनाये रखें और गंदगी न होने दें। उन्होंने नागरिकों से कहा कि जिस किसी का भी संपत्ति कर बकाया है तो वह शीघ्र जमा करा दें। संपत्ति कर जमा नहीं करने वालों से वसूली की कार्यवाही की जायेगी और बड़े बकायादारों की सूची का प्रकाशन किया जायेगा। 5 कहते हैं ना कि एक खराब मछली पूरे तालाब को गंदा कर सकती है, लेकिन आज हम इसके ठीक उलट एक ऐसी मछली की बात कर रहे हैं जो लोगों को डेंगू के डंक से बचा सकती है. इस मछली का नाम गम्बूजिया है और ये मछली सिर्फ डेंगू ही नहीं बल्कि आपको मलेरिया की चपेट में आने से भी बचा सकती है। एक ऐसी मछली है जो डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले जानलेवा मच्छरों के लार्वा को खाकर मच्छरों के प्रकोप से बचा सकती है, सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग परसवाड़ा ने डेंगू-मलेरिया के मच्छरों से लड़ने के लिए ईको-फ्रेंडली तरीकों को बढ़ावा दे रहा है,जहा गम्बूजिया मछली को बढ़ावा मलेरिया और डेंगू के प्रकोप से निपटने के लिए गम्बूजिया मछली को हथियार बनाने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग शुरू कर चुका है.