मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में बनने जा रहा एक हजार बिस्तर का अस्पताल अभी पूरी तरह से बनकर तैयार भी नहीं हुआ है कि उससे पहले नामकरण को लेकर विवाद शुरू हो गया है। यह विवाद कांग्रेस और भाजपा का नहीं बल्कि भाजपा में ही शुरू हुआ है। भाजपा चाहती है, कि इस अस्पताल का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी या फिर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से रखा जाए। लेकिन इस पर सिंधिया समर्थक और कांग्रस तैयार नहीं हैं। वह चाहते हैं कि अस्पताल का नाम माधवराव सिंधिया के नाम पर हो। मार्च 2019 में अस्तपाल का भूमिपूजन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ के साथ कर दिया था। उस समय सिंधिया समर्थक विधायकों और मंत्रियों ने इस अस्पताल का नाम माधवराव सिंधिया के नाम से रखने की मांग की थी। जिस पर साधौ ने हामी भी भरी थी। लेकिन अब नाम को लेकर चिट्ठियों का दौर शुरू हो गया है। ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर की चिट्ठी सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उस समय लिखी गयी है। सांसद विवेक शेजवलकर का कहना है कि अस्पताल का नाम डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी या पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होना चाहिए। जिसका समर्थन बीजेपी भी कर रही है। तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि अटल जी भले ही प्रधानमंत्री थे, लेकिन ग्वालियर को कुछ नहीं दिया है। ग्वालियर का जो विकास हुआ है वह माधवराव सिंधिया की देन है। ऐसे में अब देखना होगा अस्पताल के नामकरण को लेकर शुरू हुई सियासत के बाद अस्पताल का क्या नाम रखा जाएगा, ये आने वाला वक्त ही बताएगा।