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कोरोना संकट काल की घड़ी में कलेक्टर कार्यालय पहुंचने वाले लोग बैरंग लौट रहे हैं । दरअसल सरकार ने निजी अस्पतालों को कोविड-19 के इलाज के लिए परमिशन दी है और इन अस्पतालों में मरीजों को लगने वाले बेहद जरूरी रेमडिसीविर इंजेक्शन को अप्रूवल देने की जिम्मेदारी कलेक्टर के पास है लेकिन भोपाल कलेक्टर कार्यालय में पहुंचने वाले अस्पताल प्रबंधन के लोगों को बैरंग ही लौटना पड़ रहा है क्योंकि कलेक्टर कार्यालय में अप्रूवल देने के लिए कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं रहता ।