एमपी में रेमडेसिविर के लिए नई गाइडलाइन जारी मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक भोपाल, इंदौर, उज्जैन व देवास को छोड़कर अन्य जिलों में 50% इंजेक्शन आवंटन के कलेक्टर को अधिकार दिए गए हैं। इसी तरह अनुबंधित अस्पताल से कोई राशि नहीं ली जाएगी, जबकि प्राइवेट अस्पताल से प्रति इंजेक्शन 1568 रुपए रेडक्राॅस में जमा कराई जाएगी। सड़क पर टूटी सांसे मध्यप्रदेश के शिवपुरी में कोरोना संदिग्ध युवक की सड़क पर तड़प-तड़प कर मौत हो गई। वह 2 घंटे तक इलाज के लिए जिला अस्पताल में भटकता रहा। लेकिन डॉक्टरों ने उसे देखा तक नहीं। दर्द से परेशान युवक अपने परिजन के साथ छिंदवाड़ा के लिए निकला। रास्ते में दर्द बड़ा तो उसे मंदिर के चबूतरे पर लिटा दिया। वहां उसकी कुछ देर बाद मौत हो गई। हाईकोर्ट में कोरोना इलाज की बदइंतजामी पर फैसला सुरक्षित प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही को मप्र हाइकोर्ट ने संज्ञान में लिया है। राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी। चीफ जस्टिस ने इस पत्र को जनहित याचिका के तौर पर लेते हुए गुरुवार को सुनवाई की।डिवीजन बैंच ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला 19 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित कर लिया है। भोपाल एम्स में 19 अप्रैल से जनरल OPD बंद प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस का आंकड़ा 55 हजार के पार हाे गया है। अब सरकार मरीजों के लिए बेड के इंतजाम करने में जुट गई है। सरकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में कोरोना मरीजों के लिए 500 बेड रिजर्व किए गए हैं। इसके अलावा 165 बेड का ICU भी होगा। शिवराज के मंत्री इंसानियत भूले मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण से हालात बेकाबू हो चुके हैं। रोजाना रिकॉर्ड संख्या में लोगों की मौत हो रही है। लेकिन इन मौतों को लेकर शिवराज के मंत्री का शर्मनाक बयान आया है। पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि लोगों की उम्र हो जाती है, तो मरना भी पड़ता है। कमलनाथ का शिवराज पर वार मध्य प्रदेश में कोरोना की बेकाबू रफ्तार और संक्रमितों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाने के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार को दोषी ठहराया है। उन्हाेंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा है - प्रदेश में कोई एक ऐसा अस्पताल बताएं, जहां ऑक्सीजन, इंजेक्शन और इलाज का पूरा प्रबंध हो? प्रदेश को 400 टन ऑक्सीजन की जरूरत; मिल रही सिर्फ 275 टन मध्यप्रदेश में अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीज दम तोड़ रहे हैं। सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में मौजूदा मरीजों के हिसाब से ऑक्सीजन की कमी नहीं है। प्रदेश को हर रोज 400 टन ऑक्सीजन की जरूरत है। यदि ज्यादा गंभीर मरीजों को ही ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए तो भी 300 टन ऑक्सीजन चाहिए। बुधवार को 275 टन की आपूर्ति हो पाई, जबकि 12-13 अप्रैल तक 244 टन ही मिल पा रही थी। एमपी में स्टेट प्लेन से डिलीवर हो रहे रेमडिसिव प्रदेश में कोरोना (Corona) के दस हजार नए केस सामने आने के बाद सरकार के हाथपांव फूल गये हैं. इसके बाद शिवराज सरकार (Shivraj Singh) ने कोरोना से युद्ध स्तर पर लड़ाई शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर आज स्टेट प्लेन और हेलीकॉप्टरों के जरिए जरूरी दवा और इंजेक्शन की सप्लाई राज्य के विभिन्न जिलों में की जा रही है. शिवराज चौहान के बेटे कार्तिकेय COVID-19 पॉजिटिव ध्य प्रदेश में कोरोना का संक्रमण फिर से सीएम हाउस तक पहुंच गया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. कार्तिकेय ने ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी है. हालांकि, उनकी अभी आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट आनी बाकी है. बेटे के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद सीएम शिवराज ने भी तत्काल अपना कोविड टेस्ट कराया है. रेपिड एंटीजन टेस्ट नेगेटिव आई है. बीजेपी सांसद राकेश सिंह बांट रहे रेमडेसिवीर इंजेक्शन जबलपुर सांसद के निशुल्क रेमडेसिवीर इंजेक्शन वितरण का पोस्टर और पंपलेट वायरल हो गया है. कांग्रेस ने ऑक्सीजन की तरह इंजेक्शन के मुद्दे को भी आड़े हाथ लिया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से ट्वीट करते हुए कहा गया है कि बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष द्वारा इस इंजेक्शन की खुलेआम कालाबाजारी की जा रही है. ज्यादातर निजी अस्पताल नहीं कर रहे कैशलेस मेडीक्लेम से कोरोना मरीजों का इलाज जैसे जैसे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के हालात बिगड़ते जा रहे हैं, वैसे वैसे ही निजी अस्पतालों की मनमर्जी भी बढ़ती जा रही है। उपचार के नाम पर बेतहाशा वसूली के साथ कैशलेस मेडीक्लेम होने के बाद भी मरीजों से रुपये लिये जा रहे हैं। मरीजों से कहा जा रहा है कि, बाद में मेडीक्लेम कंपनियों से आप खुद रिफंड ले लेना। यहां तो आपको नगद भुगतान ही करना होगा।