दमोह विधानसभा उपचुनाव में अब तक राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का चेहरा नजर नहीं आया है। उपचुनाव में ना पोस्टर, बैनर और प्रचार में और ना ही सिंधिया की कोई सभा या रैली प्लान गई है। सूत्रों की मानें तो बुंदेलखंड के भाजपा नेता बुंदेलखंड में सिंधिया का दखल नहीं चाहते। इस कारण सिंधिया को फिलहाल इससे दूर रखा गया है। नेताओं के विरोध के बावजूद सिंधिया दसवें नंबर के स्टार प्रचारक जरूर हैं, लेकिन मौजूदा समीकरणों के तहत उनका चुनाव में सक्रिय होना मुश्किल नजर आ रहा है। बुंदेलखंड से भाजपा में कई कद्दावर नेता हैं। इनमें केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, प्रदेश के मंत्री गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह शामिल हैं। इसके साथ ही पूर्व सीएम उमा भारती भी बुंदेलखंड में खास दखल रखती हैं। भाजपा प्रत्याशी राहुल लोधी उनके खेमे से ही माने जाते हैं। इन्ही कारणों के चलते पार्टी लाइन उन्हें यहां से दूर रख रहे है। सिंधिया का सबसे ज्यादा असर अभी ग्वालियर-चंबल और मालवा क्षेत्र में है। दमोह उपचुनाव में सक्रियता दिखाने पर इस क्षेत्र में भी दखल बढ़ता, लेकिन मौका नहीं मिला है। सिंधिया की बुंदेलखंड में एंट्री भाजपा के स्थानीय समीकरणों को उलट-पुलट सकती है। ब्यूरो रिपोर्ट