खाद्य विभाग की छापेमारी में मिला एक्सपायरी डेट का माल 1 खबर विकासनगर से है जहां अस्थाई राजधानी देहरादून से मात्र 40 किलोमीटर दूर 18 ऐकड़ जमीन जो कभी बंजर हुआ करती थी आज जैविक खेती से लहलाते हरे भरे खेतों में तब्दील हो चुकी है। यह सब कर दिखाया हिमांशु नारंग ने जोकि मूल रूप से देहरादून के रहने वाले हैं और वर्तमान में नोएडा (दिल्ली) में रहते है। हिमांशु नारंग ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वरोजगार के नारे को सच कर दिखाते हुए दिल्ली की भीड़-भाड़ वाली जिंदगी से दूर वापस उत्तराखंड बसने का मन बनाया और 2019 में रुद्रपुर में 18 ऐकड़ बंजर भूमि को खेती के लिये तैयार करना शुरू किया। लगभग ढाई साल की कड़ी मेहनत और 25 लोगों की टीम के साथ आज वह जमीन खेती और बागवानी के लिये जानी जा रही है। इस जमीन पर फिलहाल केला, पपीता, सेब, खुमानी, राजमा, चावल, गेंहू, प्याज, टमाटर, काला चना, तेजपत्ता की खेती देखी जा सकती है। यह सभी फल और सब्जियां 100ः जैविक खाद से तैयार की जा रही है, इतना ही नहीं खेती के लिये गुड़, लकड़ी के बुरादे और गाय के गोबर से खाद तैयार करने का काम भी इसी जमीन पर किया जा रहा है। 2 होली के मद्देनजर खाद्य विभाग द्वारा सतर्कता के चलते शहर में कई किराना दुकानों पर छापेमारी की गई आपको बता दें कि खाद विभाग द्वारा हर बार त्योहारों के अवसर पर मिठाई एवं किराना की दुकानों पर खाद्य वस्तुओं की जांच की जाती है जिसके चलते आज गौला रोड स्थित दुकानों पर छापेमारी की गई इस दौरान कटियार किराना स्टोर पर एक्सपायरी डेट का माल सेल काउंटर पर रखा पाया गया तथा मौके पर लाइसेंस भी ना होने पर फूड इंस्पेक्टर राकेश टम्टा द्वारा सैंपल लेकर तथा लाइसेंस ना होने पर चालान कर दिया गया। 3 रुड़की के मंगलौर में बुधवार की रात चार पत्रकारों पर हुए हमले और दो पत्रकारों के अपहरण के मामले में अभी तक गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज होकर पत्रकारों के पक्ष में अब राष्ट्रीय मानव अधिकार उत्तराखंड के डिप्टी कन्वीनर आदिल फरीदी सामने आये है उनका कहना है की दो दिन बाद उनकी मुख्यमंत्री से मुलाक़ात है जिनको वो घटना से अवगत कराकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग करेंगे 4 पौडी जिले के खिर्सू में बर्ड वाचिंग फेस्टिवल की शुरुवात हो गयी,जिसमे जिलाधिकारी पौडी डॉ विजय जोगदण्डे ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की,जिलाधिकारी ने कहा कि खिर्सू में पर्यटन की अपार संभावनाएं है,जिसमे से बर्ड वाचिंग भी शामिल है,इसमें प्रशिक्षण लेकर यहाँ के स्थानीय युवा रोजगार के साधन के रूप में विकसित कर सकते हैं, जिला पर्यटन अधिकारी पौडी ने बताया सूर्याेदय से कुछ पहले का समय और सूर्यास्त के कुछ बाद का समय बर्ड वाचिंग के लिए अनुकूल समय होता है,