भाजपा विधायकों के दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग की शुरुआत हो गई हैं। इसमें शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, सांसद ज्योतिरादित्य, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, शिवराज सरकार के कई मंत्री और विधायक शामिल है । मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी प्रशिक्षण स्थल पर पहुंच गए है। इसमें मुख्य रूप से किसान आंदोलन पर रणनीति, नगरीय निकाय चुनावों की तैयारी पर बात हो सकती है। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उज्जैन में विधायकों के प्रशिक्षण शिविर में जाने से पहले बाबा महाकाल के गर्भगृह से बाहर से ही दर्शन किए। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया महाकाल मंदिर की गंदगी देख भड़क गए. उन्होंने कहा- मंदिर के साथ मेरी पुश्तैनी भावना जुड़ी हुई है. मेरे पूर्वजों द्वारा मंदिर के अंदर जो चांदी लगाई गई है वहां सफाई की सख्त जरूरत है. सांसद ने कहा कि हम जल्द ही मंदिर को भव्य रूप धारण करवाना चाहते हैं. मैंने केंद्र से 75 करोड़ की राशि की मांग की थी जो स्वीकृत हुई है. मैं इसके लिए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देता हूं. सिहोर जिले के डूंगरिया गांव में एक बाघ ने खेत में सो रही गेदाबाई नामक एक महिला पर हमला कर दिया. जिससे उनकी मौत हो गई. इस घटना की सूचना लगते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में गांव वालों ने पुलिस और वन विभाग को सूचना दी. जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस और वन विभाग की टीम ने बाघ को भगाया. इसके बाद महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. शासन-प्रशासन की सख्ती के बाद भी इंदौर जिले में बुजुर्गों के साथ अमानवीयता नहीं रुक रही. इस मामले में जिले की फजीहत करा चुके नगर निगम के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गों के साथ शर्मसार करने वाला बर्ताव किया. 150 बुजुर्गों को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए चोइथराम हॉस्पिटल से देपालपुर जानवरों की तरह लाया गया. दो 32-32 सीटर बसों में बुजुर्गों को ठूंस दिया गया. वे करीब 40 किलोमीटर के सफर में जैसे-तैसे धक्के खाते-खाते गंतव्य तक पहुंचे. मंदसौर जिले के आगर गांव में एक महिला किसान ने देश के राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल महिला ने हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए लोन देने और उसे चलाने के लिए लाइसेंस की मांग की है। महिला का नाम बसंती बाई है।महिला ने खेत का रास्ता खुलवाने के लिए सरकारी कार्यालयों के कई चक्कर काटे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हारकर बसंतीबाई ने राष्ट्रपति रामनाथ सिंह कोविंद को पत्र लिखा।