क्षेत्रीय
भक्तों के पापों का हरण कर लेने वाला ही ईश्वर है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने का लाभ तभी है जब हम इसे अपने जीवन में उतारें और उसी के अनुरूप व्यवहार करें। यह बात श्री हनुमान मंदिर धर्मशाला पुराना बस स्टैंड इछावर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथा वाचक पंडित शैलेश तिवारी ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए प्रकट कियाकथावाचक ने कहा कि कथा सुनने से मानव जीवन में संस्कार का उदय होता है। जीवन में कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों न आ जाए मुनष्य को अपना धर्म व संस्कार नहीं छोड़ना चाहिए।