अपनी विवादित छबि के कारण चर्चा में रहने वाले आबकारी विभाग के उप निरीक्षक विवेक त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से भार मुक्त कर दिया गया है। त्रिपाठी की मूल पदस्थापना धार जिले में थी। लम्बे समय से आ रही शिकायतों के बाद शासन ने त्रिपाठी को भोपाल जिले से भार मुक्त कर दिया था। लेकिन भोपाल कलेक्टर ने आबकारी कमिश्नर को पत्र लिखकर त्रिपाठी को भार मुक्त करने की अवधि को एक माह बढ़ाने की सिफारिस की थी। इस बीच विवेक त्रिपाठी का एक और कारनामा उजागर हो गया लन्दन में रहने वाली शराब ठेकेदार किशन आसुदानी की बेटी दिव्या आसुदानी ने प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी को पत्र लिखकर विवेक त्रिपाठी से अपने पिता को जान का खतरा बताया। दिव्या ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी ट्वीट के माध्यम से अपने पिता को बचाने की गुहार लगाई थी। जिसके बाद सरकार ने सख्ती दिखते हुए आबकारी कमिश्नर को पत्र लिख मामले की जाँच के आदेश दिए थे। त्रिपाठी का शराब ठेकेदारों के साथ हवन करते हुए वीडियो वायरल हुआ था। इसके साथ ही त्रिपाठी पर कई अन्य गंभीर आरोप लगे थे। त्रिपाठी हर वार अपने आकाओं की मदद से बच निकलते थे। लेकिन अन्तः त्रिपाठी की राजधानी भोपाल से बिदाई हो गई। शासन ने बुधवार को इसके निर्देश जारी कर दिए है ।