बागियों की जेब से निकल रहे कड़क नोट प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले बागियों की टेंशन बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने चुनाव में खर्च करने से मना कर दिया है। उसका कहना है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने के समय नेताओं को करोड़ों रुपए थमाए गए थे, अब वे चुनाव का खर्च उसी से पूरा करें। पार्टी के इस फरमान से बागियों की नींद उड़ गई है। अब तक बागी इसी उम्मीद में बैठे थे कि चुनाव के समय पार्टी फंड से उन्हें सहायता मिलेगी, मगर ऐसा होता दिख नहीं रहा है। ले-देकर पूरी जिम्मेदारी अब खुद के मत्थे आ गई है। सिंधिया समर्थक नेता भी आगे कुआं-पीछे खाई वाली स्थिति में हैं। कांग्रेस में जा नहीं सकते और भाजपा छोड़ नहीं सकते। लिहाजा, वे हर फरमान मानने को विवश हैं। भाजपा ने भी इसी का फायदा उठाते हुए पैसा देने से मना कर दिया है। वैसे, देखा जाए तो भाजपा का तर्क गलत भी नहीं है। बगावत के समय कहा गया था कि एक-एक नेता को 30 से 35 करोड़ रुपए दिए गए। हालांकि, अब तक इस आरोप का किसी नेता ने विरोध नहीं किया, लिहाजा मानकर चलना चाहिए कि हर एक के पास करोड़ों की राशि पहुंची है। पार्टी को भी लगता है कि जब इतनी बड़ी राशि पहले से दी जा चुकी है, तो अब चुनाव में खर्च के लिए और मदद देने का क्या मतलब। पिछले दिनों पार्टी दफ्तर में हुई कई दौर की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था, मगर सिंधिया समर्थकों को दो टूक जवाब दे दिया गया। पार्टी के किनारा करने के बाद नेता खुद मैदान में हैं और मतदाताओं को खुश करने में लगे हैं। शिवराज सरकार के मंत्री बिसाहू लाल सिंह खुद एक वीडियो में सौ-सौ रुपए के नोट बांटते नजर आ रहे हैं। नोट बांटते हुए मंत्री की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बिसाहू लाल अनूपपुर से दावेदार शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री बिसाहू लाल अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र से बतौर भाजपा उम्मीदवार उपचुनाव लडऩे वाले हैं। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें वे सौ-सौ के नोट बच्चियों को बांटते नजर आ रहे हैं। ये वे बच्चियां हैं जो सिंह के स्वागत में कलश लिए खड़ी थीं। बिसाहू लाल ने मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। वे उन 22 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने कमल नाथ सरकार गिराई थी। यही स्थिति दूसरे मंत्रियों की भी है। कब उनका भी वीडियो सामने आ जाए, कहा नहीं जा सकता।