मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 16 सितम्बर का दिन प्रदेश के 37 लाख लोगों के लिए आशा-उत्साह और आनंद का दिन है। इन सभी को पात्रता पर्ची प्रदान कर अन्न उत्सव के अंतर्गत राशन वितरण आरंभ किया जाएगा। कोरोना काल में यह बड़ी राहत है। मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों की पात्रता श्रेणी के अंतर्गत ऑटो चालकों को जोड़ने के निर्देश भी दिए।मुख्यमंत्री 16 सितम्बर को प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत सम्मिलित हुए 37 लाख नए हितग्राहियों को पात्रता पर्ची और राशन वितरण कार्यक्रम के लिए जारी तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बाद भी जो जरूरतमंद होगा उसे इस अभियान से जोड़ा जाएगा। राज्य सरकार हर गरीब के साथ खड़ी है। कार्यक्रम आयोजन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय निकायों का भी सहयोग लिया जाएगा। बैठक में खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह भी उपस्थित थे। प्रदेश विधानसभा सत्र से पहले कई विधायकों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. अब तक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, तरुण भनोत, वन मंत्री विजय शाह समेत, विधायक ब्रम्हा भलावी और गोवर्धन दांगी कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं. अगर सभी को मिला दिया जाए तो सदन के 18 प्रतिशत सदस्य संक्रमित हो चुके हैं.इनमें कुछ विधायक होम आइसोलेशन में हैं, जबकि जगदीश देवड़ा और आरिफ अकील भी स्वास्थ्य कारणों के चलते अस्पताल में इलाजरत हैं. ऐसे में 21 सितंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में सदस्यों की सुरक्षा को लेकर सरकार तैयारियों में जुट गई है. जिस पर चर्चा के लिए एक से दो दिनों में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. सूत्रों के मुताबिक बैठक में सत्र आयोजन, व्यवस्था समेत कई विषयों पर चर्चा की जाएगी. वहीं, संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए विधानसभा ने सभी कलेक्टरों को भी पत्र लिखा है. जिसमें सत्र से पांच दिन पहले सभी विधायकों की कोरोना रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. प्रदेश विधानसभा में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. कांग्रेस विधायक का फर्जी साइन कर प्रश्न लगाया गया. इस मामले में पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. आरोपी की तलाश की जा रही है. विधायक घनश्याम सिंह के फर्जी हस्ताक्षर कर दतिया की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण से संबंधित प्रश्न पूछा गया था.फर्जीवाड़ा का पता चलने पर उन्होंने विधानसभा सचिव से शिकायत की. शिकायत की विधानसभा स्तर पर जांच की गई. जांच में पाया गया कि जो प्रश्न घनश्याम सिंह की तरफ से लगाना बताया जा रहा है. वह उनके फर्जी साइन के जरिए लगाया गया है. इस जांच के बाद विधानसभा ने पुलिस को आगे की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा. पुलिस ने विधानसभा की जांच रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.