मप्र में भाजपा और मीडिया के संबंध हमेशा बेहतर रहे है। यही कारण है कि प्रभात झा दीपक विजयवर्गीय डॉक्टर हितेश वाजपेई जैसे प्रवक्ताओं के साथ मीडियाकर्मियों के बेहतर संबंधों से आज की भाजपा बनी है। लेकिन जबसे लोकेंद्र पाराशर मप्र भाजपा के मीडिया प्रभारी बने हैं, तबसे भाजपा और मीडिया के बीच खाई बढ़ती जा रही है। यह खाई 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से और बढ़ गई। जब मीडिया 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए विज्ञापनों का भुगतान नहीं किया गया। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि संगठन ने तो विज्ञापनों की एक-एक पाई का भुगतान कर दिया, लेकिन लोकेंद्र पाराशर मीडिया एवं विज्ञापन एजेंसी करोड़ों रुपए दबाकर बैठ गई। उसके बाद से लोकेंद्र पाराशर ने पत्रकारों से और मीडिया संस्थानों से दूरी बना ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मीडिया के सम्बन्ध हमेशा से हमेशा से बेहतर रहे है लेकिन जब 2016 में लोकेंद्र पाराशर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी बने तो उन्होंने इस दोस्ती की जड़ में मट्ठा डालने का काम किया है। पराशर अपने व्यक्तिगत स्वार्थ अहंकार और धन लिप्सा के कारण मीडिया कर्मियों को दुश्मन बनाने का काम किया है। गौरतलब है कि 2018 से पूर्व में जितने भी चुनाव हुए हैं, भाजपा ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को जो भी विज्ञापन दिए हैं, उसके आरओ भी दिए जाते थे। यही नहीं चुनाव के तत्काल बाद सारे भुगतान भी कर दिए जाते रहे हैं। लेकिन 2018 में लोकेंद्र पाराशर ने मीडिया को दिए जा रहे, विज्ञापनों के लिए नई पॉलिसी इजाद की। उसके तहत प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को जो भी विज्ञापन दिए गए, वह मौखिक थे। यानी कई विज्ञापनो का आरओ समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चैनलों को नहीं दिया गया। मीडिया ने चुनाव खर्च की सीमा को देखते हुए उस पर कोई सवाल भी खड़ा नहीं किया, क्योंकि भाजपा ने कभी भी मीडिया के साथ षड्यंत्र या हेराफेरी नहीं की थी। पार्टी की तरफ से तय की गई एजेंसी की तरफ से मौखिक आदेश आने के बाद विज्ञापन प्रकाशित और प्रसारित किए गए। लेकिन चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद, सारे विज्ञापनों का भुगतान यह कहकर नहीं किया कि पार्टी के पास पैसा नहीं है। सरकार नहीं बनने से अब इसका आगे भुगतान संभव नहीं हो पा रहा है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि विज्ञापन बिलों का जो भुगतान मीडिया प्रभारी ने बताया था। वह पार्टी संगठन ने किया है, कोई भुगतान समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का नहीं रोका।