Hindi News Agency,Public Search Engine, Public directory - Express Media Service
अंतर्राष्ट्रीय
25-Dec-2025

चेक क्लियरेंस फेज-2 टला फिलहाल जारी रहेगा फेज-1 रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने चेक क्लियरेंस को और तेज करने वाली फेज-2 स्कीम को फिलहाल पोस्टपोन कर दिया है। यह योजना 3 जनवरी 2026 से लागू होनी थी जिसके तहत बैंकों को चेक की इमेज मिलने के 3 घंटे के भीतर उसे अप्रूव या रिजेक्ट करना था। RBI ने 24 दिसंबर को जारी सर्कुलर में बताया कि अगली सूचना तक फेज-1 व्यवस्था ही लागू रहेगी। इसके अनुसार चेक प्रेजेंटेशन विंडो सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुली रहेगी जबकि बैंक सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक चेक को कन्फर्म या रिजेक्ट कर सकेंगे। अब नेशनल हाईवे में निवेश से होगी कमाई भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की नई पहल ‘राजमार्ग इंफ्रा इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट’ (RIIT) को सेबी से मंजूरी मिल गई है। इस स्कीम के जरिए आम लोग नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स में निवेश कर सकेंगे। म्यूचुअल फंड की तरह इसमें रिटेल और घरेलू निवेशक पैसा लगा पाएंगे और टोल टैक्स से होने वाली कमाई में हिस्सा मिलेगा। बाजार जानकारों के अनुसार यह स्कीम अन्य इनविट योजनाओं की तरह करीब 10 फीसदी तक रिटर्न दे सकती है। सोना-चांदी ऑलटाइम हाई पर बुधवार 24 दिसंबर को सोने-चांदी के दाम लगातार तीसरे दिन ऑलटाइम हाई पर बने रहे। IBJA के मुताबिक सोना 344 रुपए बढ़कर 136627 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गया जबकि चांदी 7983 रुपए उछलकर 218983 रुपए प्रति किलो हो गई। वहीं LIC हाउसिंग फाइनेंस ने घर खरीदारों को राहत देते हुए नए होम लोन की शुरुआती ब्याज दर घटाकर 7.15% कर दी है। इंडसइंड बैंक डेरिवेटिव घोटाले की SFIO जांच शुरू निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में सामने आए अकाउंटिंग घोटाले की जांच अब गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) करेगा। इस कथित अकाउंटिंग धोखाधड़ी से बैंक को करीब 1960 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है। बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसे 23 दिसंबर को SFIO की जांच से जुड़ा पत्र प्राप्त हुआ है। 2026 में भी भारत रहेगा तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में गोल्डमैन सैक्स के अनुसार वैश्विक आर्थिक विकास के स्थिर रहने के बावजूद भारत अगले साल भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहेगा। रिपोर्ट में 2026 के लिए वैश्विक विकास दर 2.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है जो 2.5 फीसदी के आम अनुमान से अधिक है। स्थिर महंगाई और आसान मौद्रिक स्थितियों को इसके पीछे प्रमुख कारण बताया गया है।