UK मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून के विधानसभा भवन में दो दिवसीय विशेष सत्र के दौरान उत्तराखंड के 25 वर्ष पूरे होने पर सभी उत्तराखंड वासियों को बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रयास रहेगा कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने। वहीं मुख्यमंत्री ने विशेष सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभीभाषण के दौरान यूसीसी के जिक्र किए जाने पर कहा कि यूसीसी का संकल्प लेकर 2022 में भाजपा चुनाव लड़ी जिसमें जनता का आशीर्वाद मिला और जीत के बाद जनता से किए गए वादे को सरकार ने पूरा भी किया है जिसके लिए उन्होंने सभी प्रदेशवासियों का भी धन्यवाद किया। उत्तराखंड में युवाओं को रोजगर से जोड़ने की दिशा में राज्य सरकार ने एमआईयू पर हस्ताक्षर किया है l प्रदेश के सेवायोजन एवं कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में टीवीएस मोटर्स के साथ एमओयू किया। इस एमओयू के तहत देहरादून अल्मोड़ा और श्रीनगर की आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा जहां युवाओं को अत्याधुनिक तकनीक से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि यह पहल युवाओं के रोजगार और उनकी सैलरी में वृद्धि के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में टाटा टेक्नोलॉजी फैस्टो अशोक लीलैंड टाटा मोटर्स और फिलिप्स जैसी कंपनियों के सहयोग से 21 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू किए जा चुके हैं जिनके उत्कृष्ट परिणाम मिले हैं। सरोवर नगरी नैनीतालमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने नैनीताल प्रवास के दौरान शक्तिपीठ मां नयना देवी मंदिर में पहुंचकर मां नयना देवी की पूजा-अर्चना की तथा राष्ट्र की सुख शांति और खुशहाली की कामना की। मंदिर आगमन पर मंदिर समिति के सदस्यों ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह भी मौजूद रहे। उत्तराखंड विधानसभा देहरादून में राज्य के 25 वर्ष पूरे होने पर विशेष सत्र जारी है। जिसका आज दूसरा और अंतिम दिन है। सदन शुरू होने से पहले संसदीय कार्य मंत्री सुबोध उनियाल ने 25 वर्षों में उत्तराखंड के अलग राज्य के तौर पर हुए विकास की बात रखी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य से अलग होने के बाद उत्तराखंड में अभूतपूर्व विकास हुआ है चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो स्वास्थ्य का क्षेत्र हो सड़क कनेक्टिविटी का क्षेत्र हो चाहे उद्योगों की बात हो अगर हम 25 वर्ष पहले की बात करें तो इनका प्रतिशत काफी कम था जो इन 25 वर्षों में काफी बढ़ा है। उत्तराखंड की राजत जयंती के मौके पर बुलाए गए विशेष सत्र को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि यह सत्र लोकतंत्र की भावना को मजबूत करने का अवसर था लेकिन सरकार विपक्ष की आवाज दबाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पच्चीस वर्षों में राज्य ने क्या खोया और क्या पाया इस पर विस्तृत चर्चा के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए था लेकिन सरकार सत्र की अवधि लगातार कम कर रही है। कापड़ी ने आरोप लगाया कि जब वे बोल रहे थे तो उन्हें बीच में ही रोक दिया गया जबकि उनके पास राज्यहित से जुड़ी कई अहम बातें थीं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सत्र से डरती है और जनता के मुद्दों पर चर्चा से बच रही है। सरोवर नगरी नैनीताल के डीएसबी कॉलेज के 20वे दीक्षांत समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और उपाधियां प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) भी उपस्थित रहे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की नींव होती है। इसलिए शिक्षा का उद्देश्य केवल विद्यार्थियों की बुद्धि और कौशल का विकास करना ही नहीं बल्कि उनके नैतिक बल और चरित्र को भी सुदृढ़ करना होना चाहिए। उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित विशेष विधानसभा सत्र में “मूलनिवास” का मुद्दा एक बार फिर जोर-शोर से उठा। सत्ता और विपक्ष दोनों दलों के विधायकों ने राज्य में मूलनिवासी नीति लागू करने की वकालत की भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखंड देश का एकमात्र राज्य है जहाँ अब तक मूलनिवास लागू नहीं हुआ है। उन्होंने विधानसभा में इसकी आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इससे राज्य की अस्मिता और स्थानीय युवाओं के अधिकारों की रक्षा हो सकेगी। बाइट— विनोद चमोली विधायक (भाजपा) वहीं कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने भी मूलनिवास लागू किए जाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह राज्य हित में है और सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने परिसीमन को वर्ष 2001 के आँकड़ों के अनुसार करने की माँग उठाई। बुटोला ने कहा कि परिसीमन जनसंख्या नहीं बल्कि भौगोलिक स्थिति के आधार पर होना चाहिए ताकि पर्वतीय क्षेत्रों के साथ न्याय हो सके।