बौधगया को गैर बौद्धों से मुक्त कराने बौद्ध अनुयायियों का धरना प्रदर्शन प्रारंभ ताम्र परियोजना मलाजखंड में बेरोजगारों से नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी 27 प्रतिशत आरक्षण बहाल नहीं किया तो 21 जुलाई को घेरेंगे सीएम आवास महाबोधि महाविहार बौधगया विहार का प्रबंधन पूर्ण रूप से बौद्धों के हाथ में दिये जाने व गैर बौद्धों के हाथ से इसे मुक्त कराने की मांग को लेकर १० जुलाई से स्थानीय आम्बेडकर चौक में महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन समिति बालाघाट के नेतृत्व में बौद्ध अनुयायियों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया है। इस संबंध में समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि तथागत गौतम बुद्ध की जन्मस्थली से लगा बौध गया जहां से तथागत को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। लेकिन बौधगया का प्रबंधन संविधान लागू होने के पूर्व से गैर बौद्धों के हाथों में है। जिससे बौधगया का सही प्रबंधन नहीं हो रहा है। बौद्धों की ऐतिहासिक धरोहर को उनके हाथों में सौंपा नहीं जाता है तो आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। इस दौरान बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी उपस्थित रहे। मलाजखंड ताम्र परियोजना में सुरक्षा गार्ड की नौकरी के नाम पर लगभग १०३ बेरोजगारों से हर बेरोजगारों से किसी से दो लाख तो किसी से ढाई लाख रूपये की ठगी की गई है। जबकि मलाजखंड ताम्र परियोजना द्वारा हेप्पीनेस सिक्यूरिटी नामक कंपनी को करीब 87 कुशल व अकुशल मजदूरों की भर्ती के लिये ओपन टेंडर दिया गया था। हेप्पीनेस कंपनी द्वारा शिवम ब्रम्हे को अपना प्रतिनिधि मलाजखंड में बनाया गया। शिवम ब्रम्हे द्वारा बेरोजगार युवाओं से किसी से डेढ़ लाख किसी ने दो लाख रूपये लेकर उन्हें अस्थाई रूप से कुछ समय के लिये नौकरी प्रदान की गई। बताया जाता है कि शिवम के माध्यम से लगभग 30 से 40 बेरोजगारों का हेमंत भगत ने नौकरी के लिये सिफारिश की थी और उसका भुगतान भी स्वयं लिया था। इस तरह मलाजखंड ताम्र परियोजना में करीब 103 बेरोजगारों से डेढ दो लाख रूपये लेकर ठगी की गई। जिसकी जांच होना बेहद जरूरी है वर्तमान में अभी तक कोई भी बेरोजगार पुलिस तक नहीं पहुंचा है मध्यप्रदेश में ओबीसी महासभा ने सरकार के खिलाफ आरक्षण को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। महासभा ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को पूरी तरह लागू नहीं किया गया तो 21 जुलाई को प्रदेशभर के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे।गुरुवार को ओबीसी महासभा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने बालाघाट में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया और कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के नाम ज्ञापन सौंपा।पत्रकारों से चर्चा करते हुए महासभा के पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यकाल में प्रदेश में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया था लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे पूरी तरह लागू नहीं किया। वर्तमान में सरकार ने 13 प्रतिशत पदों पर होल्ड लगा दिया है जिससे हजारों अभ्यर्थी प्रभावित हो रहे हैं। पदाधिकारियों ने कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो प्रदेशभर से ओबीसी समाज के लोग 21 जुलाई को भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। भरवेली ग्राम पंचायत की सरपंच अनिता बिसेन के खिलाफ उपसरपंच और पंचों ने मोर्चा खोल दिया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने सामूहिक इस्तीफे की तैयारी करते हुए 11 जुलाई को प्रस्तावित नए पंचायत भवन के लोकार्पण समारोह के बहिष्कार की घोषणा कर दी है बुधवार को आयोजित बैठक में उपसरपंच समेत पंचायत के कई पंचों ने आरोप लगाया कि विगत तीन वर्षों में उनके वार्डों में कोई उल्लेखनीय विकास कार्य नहीं हुए हैं। इससे आमजन में नाराजगी है और प्रतिनिधि खुद को जनता के सामने असहाय महसूस कर रहे हैं वहीं सरपंच अनिता बिसेन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पंचायत क्षेत्र में लगातार विकास कार्य करवाए हैं। उन्होंने बताया कि 11 जुलाई को नए पंचायत भवन का लोकार्पण होना है। सरपंच ने स्पष्ट किया कि यदि जनता उन्हें पद छोडऩे को कहती है तो वे इसके लिए भी तैयार हैं। बालाघाट जिला नक्सल प्रभावित घोषित होने के साथ मलाजखंड ताम्र परियोजना के नाम से भी मशहूर है। लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी जिले के आदिवासी अनेकों योजनाओं से वंचित नजर आ रहे है । बैहर विधानसभा एक आरक्षित विधानसभा है जहां सरपंचजनपद सदस्य से लेकर विधायक तक आदिवासी बनते है। बावजूद आदिवासियों का शोषण चरम सीमा पर चल रहा है। आदिवासियों को अनेकों परेशानियों से निजाद दिलाने के लिए उनका शिक्षित होना अति आवश्यक है। लेकिन आदिवासियों को मुफ्त शिक्षा से भी वंचित रखने में जिला प्रशासन कमी नहीं कर रहा है। बता दे कि जिले के बिरसा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले छिंदीटोला गांव में सालों बाद भी विकास का रोशनी नही पहुंच पाई है। गांव के कुछ हिस्सों में सडक़ नही है। इसके अलावा गांव में स्वयं का प्राथमिक स्कूल भवन भी नहीं है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा के पावन अवसर पर जिले भर में गुरु पूर्णिमा उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस दिन श्रद्धालुओं ने अपने गुरुओं और ईष्ट देवताओं की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिरों में विशेष धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ वहीं विभिन्न स्कूलों शिक्षण संस्थानों और सामाजिक संगठनों में भी समारोह आयोजित कर गुरुओं को सम्मानित किया गया धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था जिन्हें चारों वेदों का संकलनकर्ता माना जाता है। इसी कारण यह दिन ‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में मनाया जाता है और शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं आर्ट आँफ लिविंग संस्था बालाघाट द्वारा गुरूवार १० जुलाई को गुरूपूर्णिमा के विशेष अवसर पर हरियाली महोत्सव के रूप में मनाते हुये सर्वप्रथम च्च्योगज्ज् सुदर्शन क्रिया व ध्यान के साथ मोती तालाब स्थित पार के तट में १५१ पौधों का वृक्षारोपण कर प्रकृति को स्वच्छ एवं प्रदूषणरहित बनाने का संदेश दिया। इस पौधारोपण को नगर पालिका परिषद बालाघाट के सहयोग से किया गया। वहीं इस मियावाकी वन क्षेत्र का नाम श्री श्री वाटिका रख गुरूजनों के प्रति क्रतज्ञता व्यक्त करी । आर्ट ऑफ़ लिविंग के द्वारा गुरु पूर्णिमा महोत्सव आयोजन के अवसर पर एक पखवाड़े पूर्व से आनंद अनुभूति शिविर एवं बेंगलुरु से आए वरिष्ठ प्रशिक्षक आशीष पटेल जी के सानिध्य में सहज समाधि ध्यान का ८ जुलाई से लेकर १० जुलाई तक तीन दिवसीय कार्यक्रम नगर के ग्रैंड कमल होटल में आयोजित किया गया।