मध्यप्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव दिखाई दे रहा है। जहां एक ओर बीजेपी अपने नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश में है वहीं कांग्रेस ने जीतू पटवारी को आक्रामक रणनीति के साथ मैदान में उतार दिया है। शिवराज के दौर के मुकाबले अब फोकस सीधे मोहन यादव बनाम जीतू पटवारी की नई सियासी टक्कर पर आ गया है। मध्यप्रदेश की सियासत में अब नया चेहरा है नई जुबान है और नया तेवर है... कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी खुलकर मुख्यमंत्री मोहन यादव को घेर रहे हैं... गुना हिंसा से लेकर भदभदा बस्ती की बुलडोजर कार्रवाई तक पटवारी हर मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं। कभी उज्जैन में खुलेआम शराब के वायरल वीडियो तो कभी सीधे डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को घेरना – पटवारी अब मैदान में पूरी तैयारी के साथ हैं। उधर मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रशासनिक मोर्चे पर सक्रिय हैं। लेकिन विपक्ष की आक्रामकता अब उन्हें अकेले निशाने पर ले रही है। “अब मुकाबला शिवराज बनाम कांग्रेस नहीं मोहन बनाम जीतू है” राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो कांग्रेस की रणनीति अब साफ है — शिवराज की विरासत से हटकर नए नेतृत्व को चुनौती देना और 2028 के चुनावों की जमीन अभी से तैयार करना।