धान की कस्टम मिलिंग पर होगी 320 करोड़ की कमीशनखोरी वीडियो हुआ वायरल मचा हड़कंप | EMS TV 21 -Jun-2024 #balaghatnews #balaghatlive #mpnews भोपाल - मप्र में वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की कस्टम मिलिंग होना है। आंकड़ों के अनुसार समर्थन मूल्य पर खरीदे गए करीब 46 लाख मीट्रिक टन धान में से 31 लाख मीट्रिक टन की कस्टम मिलिंग होनी है। यानी चावल बनाना है। लेकिन इस बीच प्रदेश में धान का कटोरा कहे जाने वाले बालाघाट जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है।दरअसल नान के अधिकारियों और मिलर्स के बीच कस्टम मिलिंग का जो फॉर्मूला तय हुआ है वह गत दिनों सार्वजनिक हो गया। यह फॉर्मूला जबलपुर में एक सभा में राइस मिलर्स संगठन के अध्यक्ष द्वारा सार्वजनिक किया गया है। जिसमें प्रदेश के राइस मिलर्स मौजूद थे। जिसका एक वीडियो सामने आया है जिसमें अध्यक्ष यह कहते सुने जा रहे हैं कि अधिकारियों और संगठन के बीच फॉर्मूला तय हुआ है उस पर सभी को अमल करना जरूरी है। वहीं बालाघाट जिले में राइस मिल के जिला संगठन के अध्यक्ष द्वारा राइस मिलर्स को वाटसअप संदेश भेजकर 3केजी अर्थात 3 हजार रुपए प्रति लाट की रकम प्रदेश संगठन के पूर्व अध्यक्ष के पास जमा करने के निर्देश दिए गए। जिसके आधार राइस मिलर्स ने पूर्व में जमा किए गए लाट के मान से रकम जमा की। सूत्रों का कहना है कि कुछ राइस मिलर्स द्वारा कमीशन की रकम दिए जाने से हिलाहवाली करने पर चावल महासंघ के एक पदाधिकारी ने धमकाया कि खाद्य मंत्री की सहमति से यह फार्मूला तय किया गया है। जो राइस मिलर्स इस फार्मूले पर नहीं चलेगा उसे भुगतना पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि धान की मिलिंग में 320 करोड़ से अधिक की कमीशनखोरी होने का अनुमान है। अकेले बालाघाट जिले में 130 करोड़ रूपए की राशि में खरीदी गई धान की कस्टम मिंलिग किए जाने पर गुणवत्ता निरीक्षक जिला विपणन अधिकारी जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम और लेखा अधिकारियों को कमिशन के रूप में कम से कम 20 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त होती है। जिसका बंटवारा भोपाल से लेकर जिला स्तर तक अधिकारियों जनप्रतिनिधियों और राजनैतिक दलों तक पहुंचता है। इस कारण ही इस कमीशनबाजी का कोई सवाल नहीं उठाता। सब के सब चुप्पी साधे हुए हैं। इन विसंगतियों के चलते खादय सुरक्षा अधिनियम का मखौल उड़ाया जा रहा। #balaghatnews #balaghatlive #mpnews #EMSTVLIVE #HINDINEWS #MP #Politics #public