32 गांवों में बेटियां नहीं ब्याहते थे लोग शिवपुरी का सोनचिरैया अभयारण्य अब खत्म हाे गया है। मंगलवार काे राज्य सरकार ने इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही 32 गांवों के लोग खुशी से झूम उठे। क्योंकि अभयारण्य के कारण किसानों का जमीन पर मालिकाना हक नहीं था। इससे दूसरे गांव के लोग यहां बेटी नहीं ब्याहते थे। अब खुशी इस बात की है कि किसानों को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा और बेटों की शादियां भी समय पर हो जाएंगी। भोपाल में कलियासोत डैम से बाहर निकले मगरमच्छ: भोपाल के कलियासोत डैम किनारे मगरमच्छ और घड़ियालों के हमले का खतरा बढ़ गया है। गेट बंद होते ही लोग मछली पकड़ने और पार्टी करने पहुंच रहे हैं। रात में दो मगरमच्छ गेट नंबर-13 के पास देखे गए। कुछ दूर पर ही लोग मछली पकड़ रहे थे। इनमें बच्चों से लेकर महिलाएं भी शामिल थीं। मगरमच्छ होने की खबर मिलते ही नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और लोगों को खदेड़ा। डैम में 21 से ज्यादा मगरमच्छ है। दो साल के भीतर उनके हमले के कई मामले सामने आ चुके हैं। गृहमंत्री के गढ़ में सिंधिया समर्थक की सेंध ग्वालियर का डबरा राजनीति का अखाड़ा बनता जा रहा है। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और सिंधिया समर्थक इमरती देवी में शीत युद्ध चल रहा है। यह टकराव डबरा जनपद के चुनाव में भी देखने को मिल रहा है। डबरा जनपद पंचायत को कुछ समय पहले तक गृहमंत्री के कोटे में माना जा रहा था, पर सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी ने मिश्रा के गढ़ में सेंधमारी कर दी है। 25 में से 18 सदस्यों की बाड़ाबंदी कर वह दिल्ली पहुंच गई हैं इंदौर में परिवार की उम्मीदों ने ली डॉक्टर की जान! इंदौर में जूनियर डॉक्टर सुसाइड केस में पुलिस को पॉकेट डायरी मिली है। इस पॉकेट डायरी में जूनियर डॉक्टर अपूर्वा ने लिखा था, किसी से इतनी भी उम्मीद मत करो कि वह खरा नहीं उतर पाए। अपूर्वा के भाई ने हैंडराइटिंग की पुष्टि की है। पुलिस का कहना है कि अपूर्वा किसी बात को लेकर डिप्रेशन में थी। जिसके चलते उन्होंने संभवत: एनेस्थीसिया का ओवरडोज ले लिया। पुलिस अब जूनियर डॉक्टर के मोबाइल चैट और कॉन्टैक्ट की जानकारी जुटा रही है भोपाल की दोनों जनपदों पर कब्जा जमा सकती है बीजेपी; कांग्रेस भी कर रही दावा राजधानी भोपाल की फंदा और बैरसिया जनपद पंचायत में अध्यक्ष की कुर्सी का फैसला बुधवार को हो जाएगा। दोनों ही जनपदों में बीजेपी कब्जा जमा सकती है, लेकिन कांग्रेस भी दावे में पीछे नहीं है। फंदा जनपद के 25 में से 13 वार्ड में बीजेपी समर्थकों ने जीत हासिल की है। वहीं, 6 वार्ड पर कांग्रेस समर्थित जीते हैं। दूसरी ओर 6 सदस्य ऐसे हैं, जिन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वे अध्यक्ष के चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, बीजेपी नेताओं का दावा है कि निर्दलीय सदस्य भी उनके साथ ही है।