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राज्य
10-May-2022

मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता क्लियर हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कराने का फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 5 साल में चुनाव करवाना सरकार की संवैधानिक जिम्‍मेदारी है। 2 हफ्ते में अधिसूचना जारी करें। ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता। अभी सिर्फ SC/ST आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने होंगे। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला जया ठाकुर और कांग्रेस नेता सैयद जाफर की याचिका पर सुनाया गया है। जाफर ने बताया कि कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य निर्वाचन आयोग 15 दिन के अंदर पंचायत और नगर पालिका के चुनाव की अधिसूचना जारी करें। OBC आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना है। अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्यप्रदेश में OBC वर्ग को चुनाव में आरक्षण नहीं मिलेगा। इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36% आरक्षण के साथ ही होंगे। इसमें 20% STऔर 16% SC का आरक्षण रहेगा। जबकि, शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव 27% OBC आरक्षण के साथ कराने की बात कही थी। इसीलिए यह चुनाव अटके हुए थे।उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अभी सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया है। अभी हमने विस्तृत अध्ययन नहीं किया है। ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव हों, इसके लिए रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे और पुन: आग्रह करेंगे कि स्थानीय चुनाव, स्थानीय निकायों के चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हों।