क्षेत्रीय
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि कोरोना से मृत व्यक्ति के परिवार को मुआवजा देना सुनिश्चित किया जाए। मुआवजा तय करने के लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉर्टी को 6 हफ्ते का समय दिया गया है। जिसको लेकर पूर्ऴ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार की विफलता को दिखाता है। होना तो यह चाहिए था कि सरकार कार्यपालिका के रूप में स्वयं अपनी जिम्मेदारी निभाती और न्याय पालिका को फैसला सुनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। लेकिन केंद्र सरकार बार-बार सुप्रीम कोर्ट में मुआवजा न देने के बहाने बनाती रही। केंद्र के वकीलों ने तो यहां तक कहा कि जब दूसरी बीमारियों में मुआवजा नहीं देते हैं तो कोरोना में मुआवजा क्यों दें?