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राज्य
04-Feb-2021

प्रदेश में पोषण आहार से जुड़े 11 से 14 साल की बच्चियों को टेक-होम राशन के मामले में कैग की रिपोर्ट में कई सवाल खड़े किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिलेवार बालिकाओं को घर-घर टेक होम राशन के जो आंकड़े दिए थे, उनमें किसी भी जिले की किसी भी आंगनबाड़ी में बच्चियों के नाम और पते ही सूची उपलब्ध नहीं करा पाया। महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों के पास सिर्फ संख्यात्मक आंकड़े के अलावा यह जानकारी भी नहीं हैं कि किस पते पर रहने वाली किस बालिका को टेक होम राशन दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने निजी मेडिकल कॉलेजों और छात्रों को बड़ी राहत दी है। कॉलेजों में प्रवेश के प्रदेश सरकार के नियमों को अवैधानिक करार देते हुए सात दिन में सभी निजी मेडिकल कॉलेजों में खाली सीटें भरने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सरकार को विशेष काउंसलिंग करानी होगी। अगली बार से तो तीन राउंड की काउंसलिंग के बाद खाली सीटें कॉलेज स्तर पर ही भरी जा सकेंगी। सीट खाली होने के बावजूद सरकार से उन्हें भरने की अनुमति नहीं मिलने पर प्रदेश के सभी निजी मेडिकल कॉलेजों की ओर से हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका एक दायर की गई। हाई कोर्ट ने नियमों का हवाला देते हुए प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया। अवैध निर्माण की कंपाउंडिंग के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब 40 फीसदी तक अवैध निर्माण वैध हो सकेगा। इसमें 20 फीसदी के लिए कंपाउंडिंग की फीस चुकाना होगी, जबकि शेष 20 फीसदी के लिए टीडीआर खरीदना होगा। अब तक सिर्फ 10 फीसदी अवैध निर्माण ही कंपाउंडिंग के जरिए वैध हो सकते हैं। शहर में 4.50 लाख से अधिक निजी मकान हैं, इनमें से ज्यादातर में 10 फीसदी से अधिक अवैध निर्माण है। राज्य शासन ने 2016 में कंपाउंडिंग की फीस घटाई थी। रेडक्रॉस अस्पताल को पूरी तरह से दिव्यांग फ्रेंडली बनाया जा रहा है। इसके तहत टिक टॉक टाइल्स (सेंसेशन वाले टैक्सटाइल्स, टाइल्स) लगाए जा रहे हैं। दीवारों, सीडियों और रैंप पर रैलिंग लगाई जा रही हैं। आईसीयू से लेकर शौचालयों के दरवाजों की चैड़ाई बड़ाई जा रही है। इस प्रोजेक्ट पर 54 लाख रुपए सामाजिक न्याय विभाग की ओर से खर्च किए जा रहे हैं। एक हफ्ते पहले काम शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि एक महीने में यहां तमाम काम पूरा कर लिया जाएगा। दरअसल, अस्पताल में आने वाले दिव्यांग मरीजों को परिसर में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसको ध्यान में रखकर हुए यहां करीब आधा दर्जन बदलाव किए जा रहे हैं। जेल में बंद मुरैना के दूध कारोबारी अवधेश शर्मा पर रासुका की कार्रवाई को मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने नियमविरुद्ध मानते हुए निरस्त कर दिया है। दूध कारोबारी ने रासुका लगाने की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शील नागू और जस्टिस आनंद पाठक की डिवीजन बेंच ने कहा- जेल में बंद व्यक्ति पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई करना निजी स्वतंत्रता के मूलभूत अधिकार का हनन करने जैसा है। ऐसा प्रतीत होता है कि रासुका लगाते समय बुद्धि का प्रयोग नहीं किया गया। कोर्ट ने शासन और कलेक्टर को 30 दिन के भीतर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भरने का आदेश दिया। यह राशि याचिकाकर्ता को दी जाएगी। भोपाल के जिन लोगों ने अपने 5 साल और 15 की उम्र से पहले के बच्चों के आधार कार्ड बनवा लिए थे, उन्हें बच्चों की 5 साल और 15 साल की उम्र पूरी होने पर बायोमैट्रिक डाटा अपडेट कराना जरूरी है। शहर में ऐसे 42 हजार बच्चे हैं, जो 7 से 18 साल की उम्र के हो चुके हैं, इनका यह डाटा अपडेट होना बाकी है। तय प्रावधान के मुताबिक इनका बायोमैट्रिक डाटा निशुल्क अपडेट होगा। यूआईडीएआई के सेंटर मैनेजर इबरार अहमद ने बताया कि इन दोनों श्रेणियों के बच्चे साथ में एक बार में नाम, पता, जन्म तिथि, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर सब एक साथ अपडेट करा सकते हैं। प्रदेश के इस साल के बजट में इसमें अहम पंद्रहवें वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्रदेश को 34850 करोड़ रुपए की अनुदान राशि को शामिल किया जा रहा है। इस राशि से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल वितरण, रेन वाटर हारवेस्टिंग, ओडीएफ से जुड़े काम और पानी की रिसाइकलिंग जैसे काम होना है। राजस्व घाटे की भरपाई, स्थानीय निकायों और आपदा प्रबंधन में भी इस राशि का उपयोग हो सकेगा। शहरी और ग्रामीण निकायों के लिए 8706 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है।