मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता के भय से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को ही सूबे के 77 लाख किसानों को पैसे बाँट दिये। योजना के तहत किसानों को दो हज़ार रुपये की पहली किस्त वितरित करने के लिए शनिवार को बड़ा कार्यक्रम रखा गया । केन्द्रीय चुनाव आयोग ने बिहार चुनावों की तारीख़ घोषित करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलाई तो माना गया कि बिहार चुनावों के साथ ही मध्य प्रदेश विधानसभा की रिक्त सीटों के लिए उपचुनावों का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया जाएगा। चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती है। इसी संभावना के मद्देनज़र मध्य प्रदेश की सरकार ने लैपटाप वितरण के इस कार्यक्रम में किसानों के खाते में सम्मान निधि राशि पहुँचा दी। वहीं दूसरी ओर शिवराज सरकार सारा पैसा उन 28 विधानसभा सीटों को दे रही है जहां अभी उपचुनाव होना है एक तरह से सरकार का पूरा ध्यान आगामी उपचुनाव में है । दिलचस्प बात तो यह है कि मध्य प्रदेश का खजाना खाली है। तनख्वाह बाँटने के भी लाले पड़े हुए हैं। कोविड ने कमर तोड़ रखी है। अनेक बड़े अस्पतालों में दवाओं के टोटे की ख़बरें हर दिन मीडिया की सुर्खियाँ बन रही हैं। तमाम सरकारी भुगतान नहीं हो पा रहे हैं।इस सब के बीच शिवराज सरकार उपचुनाव के ठीक पहले वोटरों को ‘साधने’ के लिए अलग-अलग महकमों के नियमित ख़र्चों में कटौती कर ‘मुक्त हाथों’ से पैसा बाँट रही है।