भोपाल ईएमएस पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ी उम्मीदों के साथ भाजपा से नाता जोड़ा था। 2 माह के हनीमून पीरियड में ही ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा के बीच में तल्खियाँ बढ़ना शुरू हो गई हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारी दबाव के बाद भी, मंत्रिमंडल में उनके समर्थकों को अभी तक मंत्री नहीं बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार वह अपने 12 समर्थकों को मंत्री बनवाने पर अड़े हुए हैं।अभी केवल सिंधिया के दो समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत की ही शपथ हुई है।सिंधिया के लगातार दबाव बनाने से भाजपा और संघ के नेता नाराज हो गए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण ग्वालियर चंबल संभाग तथा मालवा में भाजपा को अपना घर टूटने का अंदेशा हो गया है। सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों और उनके समर्थकों ने जिस तरह से अपना दबाव बनाना शुरू किया है।उससे भाजपा के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता नाराज होकर विद्रोह करने पर उतारू हैं। हाल ही में सिंधिया समर्थकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग करके एक नया दबाव बनाना शुरू कर दिया है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ विधायकों ने भी जो 2 से 3 बार से ज्यादा चुनाव जीत चुके हैं। वह भी मंत्रिमंडल में शामिल करने का दबाव बना रहे हैं। वहीं उपचुनाव की दशा में जो भाजपा के उम्मीदवार चुनाव हारे थे, वह फिर से टिकट देने के लिए दबाव बना रहे हैं। जिसके कारण भाजपा के गले में सिंधिया नाम की ऐसी हड्डी अटक गई है।जिसे ना निगलते बन रहा है, ना उगलते बन रहा है।