मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों पर निगरानी रखने के लिए कंपनी मैप आईटी के माध्यम से एक मोबाइल एप्लीकेशन तैयार की थी । इस एप्लीकेशन में कोरोना संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति का डाटा रखा जाता था। ऐप के माध्यम से इसमें लाइव लोकेशन की व्यवस्था की गई थी। मैप आईटी ने जल्दबाजी में डेवलपर के माध्यम से यह ऐप तैयार कराया था। मध्यप्रदेश सरकार के सार्थक एप में ही कोविड 19 संक्रमितों को डाटा संग्रहित किया था। मैप आईटी के प्रमुख नंद कुमारम के नेतृत्व में रातों-रात एप तैयार कर इसे लाइव कर वाहवाही लूटी गई । लेकिन इस ऐप का डाटा फ्रांस की एक कंपनी ने फेच कर लिया है। फ्रांस की कंपनी के पास 15 लाख लोगों के समग्र आईडी, आधार आईडी और उनके पर्सनल नंबर के साथ-साथ पर्सनल डाटा भी चला गया है। फ्रांस की कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर आईटी मिनिस्टर, आज तक और एनडीटीवी को टैग करके ऐप को फेच करने की जानकारी दी है। इसके बाद सारे देश भर में हंगामा मच गया है।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने मध्यप्रदेश शासन से बात की, और इस ऐप के संबंध में 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है। मैप आईटी की ऐप फेच हो जाने के बाद आरोग्य सेतु एप पर भी सवाल उठ रहे हैं। एशिया के साइबर सिक्योरिटी के इंचार्ज ने इसे बहुत बड़ी गलती माना है। मैप आईटी को ऐप के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए जो कार्य करना चाहिए था। वह नहीं किया गया। डैशबोर्ड से ही सर्वर तक पहुंचने की लिंक देकर, ऐप को हैक करना और डाटा फेच करना आसान कर दिया था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इस पर गंभीरता से जांच शुरू की है। सूत्रों के अनुसार प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई को इसकी जांच सौंपी गई है। अब इस मामले की मैप आईटी ने लीपापोती शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार डेवलपर के ऊपर गाज गिराने की तैयारी अधिकारियों ने कर ली है। मैप आईटी के प्रमुख ने फिजिकल डिस्टेंस का ध्यान नहीं रखते हुए लगभग 40 लोगों की एक बैठक बुलाई थी। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए थे। वाहवाही लूटने के लिए जो प्रयास किया गया था।उसमें पहले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और आईटी के डेवलपर संक्रमित हुए थे। गौरतलब है कि अब सर्वर से डाटा फेच हो जाने के बाद भारत सरकार के ऐप आरोग्य सेतु पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं। कांग्रेस पहले से ही इस मामले में आक्रमक थी।