राजधानी भोपाल में रेड जोन होने के कारण शराब की दुकाने नहीं खोली गई है l यह सरकार का स्वागत योग्य निर्णय है वहीं आबकारी विभाग और पुलिस द्वारा जिले के बॉर्डर पर नाकाबंदी कर एक एक लोगों की जाँच भी की जा रही है l दूसरी ओर आबकारी विभाग द्वारा ऐसा माहौल बनाया जा रहा है विभाग ने 6 मई को विभाग ने अवैध शराब की विक्री और दूसरे जिले से भोपाल जिले में परिवहन को नियंत्रण करने का एक आदेश निकाला l इसके बाद बताने की कोशिश की गई कि विभाग अवैध शराब की कालाबाजारी रोकने के लिए बड़ा ही प्रभावी काम कर रहा है l लेकिन इसकी वास्तविकता कुछ और ही है दरअसल लॉक डाउन के बीच भोपाल जिले के शराब ठेकेदारों ने आवकारी अधिकारीयों की मिली भगत से जमकर अवैध शराब की बिक्री की l लॉकडाउन में शराब की दुकानों पर केवल दिखावे के लिए ताले डाले गए। सूत्रों के अनुसार राजधानी भोपाल में देशी और अंग्रेजी शराब की दुकानों से शराब का अवैध तरीके से स्टॉक निकाल लिया गया। और दूसरे स्थानों पर ले जाकर शराब की कालाबाजारी भी की गई बैरागढ़ इसका उदाहरण है यहाँ की सभी दुकानों पर शराब का स्टॉक खत्म हो गया है l जिले में ठेकेदारों ने दुकानों से भरपूर मात्रा में स्टॉक निकला और आबकारी विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा l आबकारी विभाग ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों से बेची गई एक-एक बोतल का हिसाब लिया जाएगा। लेकिन अधिकारियों ने जिले की दुकानों का अंतिम स्टॉक नहीं लिया था l अगर बारीकी से दुकानों जाँच की जाये तो सारी वास्तविकता सरकार के सामने आ जाएगी l