रुपये में ऐतिहासिक गिरावट भारतीय रुपया आज 3 दिसंबर को डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। PTI के अनुसार रुपया 9 पैसे टूटकर 90.05 पर खुला जबकि मंगलवार को यह 89.96 पर बंद हुआ था। 2025 में अब तक रुपया 5.16% कमजोर हो चुका है। 1 जनवरी को यह 85.70 था लेकिन विदेशी फंड्स की लगातार निकासी और ग्लोबल मार्केट दबाव की वजह से रुपये पर भारी गिरावट देखने को मिल रही है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रुपये की यह नई गिरावट आयात महंगा कर सकती है और महंगाई पर असर डाल सकती है। शेयर बाजार में कमजोरी सेंसेक्स–निफ्टी फिसले शेयर बाजार में भी आज कमजोरी देखने को मिली। हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन सेंसेक्स 350 अंक गिरकर 84800 पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी 125 अंकों की गिरावट के साथ 25900 के स्तर पर पहुंच गया। सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयर लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं। ऑटो बैंकिंग और FMCG सेक्टर्स में गिरावट जारी है जबकि IT मेटल और फार्मा शेयरों में हल्की तेजी देखने को मिली। बाजार विश्लेषकों के अनुसार रुपये की कमजोरी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार पर दबाव बना हुआ है। तीन बड़े IPO खुले निवेशकों की नजरें टिकीं आज से बाजार में तीन कंपनियों—मिशो एक्स लिमिटेड और विद्या वायर्स लिमिटेड—के IPO ओपन हो गए हैं। निवेशक इनमें 5 दिसंबर तक निवेश कर सकेंगे। इन IPO का अलॉटमेंट 8 दिसंबर को होगा और 10 दिसंबर को इनकी लिस्टिंग BSE-NSE पर की जाएगी। लगातार गिरते बाजार के बीच भी IPO सेगमेंट में निवेशकों की रुचि बनी हुई है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये IPO शुरुआती निवेशकों को अच्छी लिस्टिंग दे सकते हैं। RBI की MPC बैठक शुरू ब्याज दर में कटौती संभव रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज से शुरू हो गई है जो 5 दिसंबर तक चलेगी। रिपोर्ट्स के अनुसार इस बैठक में RBI रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर सकता है। अभी रेपो रेट 5.50% पर है। अगर कटौती होती है तो होम लोन ऑटो लोन और बिज़नेस लोन सस्ते हो सकते हैं जिससे आम जनता को राहत मिलेगी और कारोबारियों को भी फायदा होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई फिलहाल नियंत्रण में है और आगे और कम होने की उम्मीद है इसलिए ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है। Apple बनाम सरकार: ‘संचार साथी’ ऐप को लेकर विवाद बढ़ा कल की सबसे चर्चा में रहने वाली खबर संचार ऐप से जुड़ी रही जहां अमेरिकी टेक कंपनी Apple ने सरकार के उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है जिसमें हर नए फोन में संचार साथी ऐप को अनिवार्य रूप से इंस्टॉल करने को कहा गया था। सरकार के इस कदम पर राजनीति भी गर्मा गई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस फैसले को लोगों की प्राइवेसी पर सीधा हमला बताया और आरोप लगाया कि यह एक जासूसी ऐप है जिसके जरिए नागरिकों की निगरानी की जा सकती है। इस मुद्दे पर सरकार और टेक कंपनियों के बीच खींचतान और बढ़ सकती है।