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अंतर्राष्ट्रीय
23-Jul-2025

नई दिल्ली ईएमएस उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली की राजनीति में भूचाल आ गया है. मानसून सत्र के पहले ही दिन जिस तरह की स्थिति देखने को मिली है. उसने विपक्ष को उत्साहित कर दिया है. वही सत्ता पक्ष की चिंता को बढ़ा दिया है. संघ प्रमुख मोहन भागवत पहले ही कह चुके हैं. 75 साल के फार्मूले का पालन होना चाहिए. भाजपा सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी ने 75 पार को लेकर संघ द्वारा सुझाव दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपराष्ट्रपति का पद स्वीकार कर लें. 2 साल बाद वह राष्ट्रपति के पद पर चुन लिए जाएंगे. यह प्रस्ताव संघ की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के लिए भेजा गया है. विकल्प के तौर पर दूसरा फार्मूला भी पेश किया गया है. यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए तैयार नहीं होते हैं. ऐसी स्थिति में उपराष्ट्रपति पद के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिया जा रहा है.भाजपा सूत्रों का कहना है जदयू का विलय नीतीश कुमार यदि भाजपा में कर देते हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है. भाजपा और संघ के रणनीतिकार इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं. भाजपा सूत्रों का कहना थासंवैधानिक पद पर निर्वाचित हो जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्ण रूप से सुरक्षित हो जाएंगे. संवैधानिक पद पर होने के कारण ना तो उनके खिलाफ कोई जांच हो सकेगी ना ही कोई मुकदमा दर्ज हो सकेगा. भाजपा के एक वर्ग का मानना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर सकते हैं. विकल्प के तौर पर नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति पद के लिए देखा जा रहा है. नीतीश कुमार यदि इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेंगे. ऐसी स्थिति में बिहार का विधानसभा चुनाव आसानी से जीता जा सकता है. बिहार में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनना तय है. भाजपा को अपने आप को संभालने का मौका भी मिलेगा. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच में उपराष्ट्रपति पद को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. राज्यसभा के सभापति हरिवंश नारायण सिंह को उप राष्ट्रपति पद का चुनाव लडाने की बात सामने आ रही है लेकिन पार्टी स्तर पर इसका समर्थन नहीं मिलने के कारण यह माना जा रहा है कि वह सभापति के पद पर बने रहेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इनकार कर दिया है.शाम होते होते जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा का भी नाम सामने आया. वह कुछ ही दिनों में सेवा निवृत होने वाले हैं.जिस तरह से उन्होंने पहलगाम की घटना की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली है.उसके बाद उन्हें भी उपराष्ट्रपति पद का इनाम दिया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह उनके नाम पर सहमत हैं. पहली बार उपराष्ट्रपति पद को लेकर जिस तरीके की ग़हमागहमी और तरह-तरह की चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं. वह सभी को आश्चर्य में डाल रही हैं. उपसभापति हरिवंश सिंह ने राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू से मुलाकात की है. नियमों के अनुसार जब तक नए उप राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता है तब तक वह सभापति के रूप में कार्यभार का निर्वहन करेंगे. उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य करते हैं ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग जल्द ही अधिसूचना जारी कर सकता है लोकसभा और राज्यसभा के दोनों सदनों को मिलाकर 786 सदस्यों को मतदान करने की पात्रता होती है. चुनाव में जीत के लिए 394 वोटो की जरूरत होगी. इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच में जोर आजमाइस शुरू हो गई है.