1. रेपो रेट में कटौती की संभावना लोन हो सकते हैं सस्ते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक आज 4 जून से शुरू हो गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार रेपो रेट में 0.25% की कटौती हो सकती है। इससे बैंक लोन सस्ते हो सकते हैं और होम ऑटो एजुकेशन सहित सभी प्रकार के कर्जों की EMI में राहत मिल सकती है। अभी रेपो रेट 6% है जो पिछली दो बैठकों में कुल 0.50% की कटौती के बाद इस स्तर पर पहुंचा है। इस मीटिंग के नतीजों की घोषणा 6 जून को सुबह 10 बजे RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे। 2. एनवीडिया बनी दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी सेमीकंडक्टर कंपनी एनवीडिया ने एक बार फिर माइक्रोसॉफ्ट को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी का स्थान हासिल कर लिया है। 3 जून को इसके शेयरों में 2.80% की बढ़त देखी गई जिससे इसका मार्केट कैप 3.45 ट्रिलियन डॉलर (करीब ₹296 लाख करोड़) हो गया। वहीं माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप 3.44 ट्रिलियन डॉलर और एपल का 3.04 ट्रिलियन डॉलर है। एआई और चिप निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी होने के कारण एनवीडिया को निवेशकों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। 3. शेयर बाजार में तेजी सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ऊपर 4 जून को भारतीय शेयर बाजार में मजबूती देखी जा रही है। सेंसेक्स 100 अंकों की बढ़त के साथ 80858 पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी 50 अंकों की तेजी के साथ 24594 पर पहुंच गया है। सेंसेक्स के 30 में से 22 शेयरों में तेजी है। बैंकिंग आईटी और ऑटो सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखी जा रही है जबकि रियल्टी सेक्टर के शेयरों में गिरावट रही। इसके अलावा आज स्कोडा ट्यूब्स का IPO मेनबोर्ड सेगमेंट में लिस्ट हुआ है। 4. अमेरिका ने स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ बढ़ाया भारत पर सीमित असर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 जून से स्टील और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया है। इस कदम का मकसद अमेरिकी उद्योगों को विदेशी डंपिंग से बचाना है। भारत पर इसका सीधा असर सीमित रहेगा क्योंकि अमेरिका को भारत से स्टील निर्यात बहुत कम (करीब 95000 टन) होता है। लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर असर हो सकता है क्योंकि वैश्विक बाजार में स्टील की अधिकता के कारण भारत में सस्ते आयात की संभावना बढ़ सकती है जिससे घरेलू उद्योगों को नुकसान हो सकता है। 5. केनरा बैंक ने मिनिमम बैलेंस की शर्त खत्म की केनरा बैंक ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए 1 जून 2025 से सभी सेविंग अकाउंट में एवरेज मंथली बैलेंस (AMB) की आवश्यकता खत्म कर दी है। इसका मतलब है कि अब ग्राहक अपने सेविंग सैलरी या NRI सेविंग अकाउंट में कम से कम बैलेंस नहीं रखने पर भी कोई जुर्माना नहीं भरेंगे। केनरा बैंक ऐसा करने वाला पहला सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन गया है। इस कदम का उद्देश्य ग्राहकों को अधिक सुविधा और लचीलापन देना है।