नक्सल प्रभावित गांव में ५ वर्षो से अंधेरे में रात गुजारने मजबूर ग्रामीण शहर के अंदर सडक़ पर अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पास निर्देश जारी रेल्वे ब्रिज का काम स्लो नोटिस जारी कर पब्लिक न्यूसेंस का केस दर्ज होगा ग्राम पंचायत देवरबेली के ग्राम आमानाला बोदरा घने जंगलों में बसा हुआ नक्सल प्रभावित गांव है जहां आदिवासीए बैगा समुदाय के लगभग ५० घर के परिवार में लगभग दो सैंकड़ा से अधिक लोग निवास करते हैं। यहां के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से महरूम है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां की सबसे मुख्य समस्या बिजली की है। वर्ष २०१९ से बिजली गोल है जो आज दिनांक तक भी बहाल नही हो पाई है। यहाँ बिजली की लाइन है बिजली पोल तथा ग्रामीणों के घरों में बिजली कनेक्शन लगे होने के साथ.साथ यहाँ विद्युत विभाग का ट्रांसफॉर्मर भी लगा हुआ है बिजली आपूर्ति ठप्प है तो आज तक बहाल नही हो सकी। नतीजा यह है कि ६ वर्षो से यहाँ के ग्रामीण लालटेन युग मे अपना जीवन जीने को मजबूर है।उनके बच्चों को पढ़ाई करने में दिक्कत तो ग्रामीणों को खेती के लिए तक पानी नही मिल पा रहा है। कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शहर के यातायात को लेकर भी प्रस्ताव रखें गए। इसमें भटेरा रोड़़ रानी अवंतीबाई चोक तकए बैहर रोड़ से संविधान चौक तकएगोंदिया रोड़ से अम्बेडकर चौक से एफसीआई गोदाम कोसमी तक तथा कालीपुतली से मेनमार्केट होते हुए हनुमान चौक तक। इस सम्बंध में कलेक्टर ने आवश्यक कार्यवाही करने के लिए यातायात और नगर पालिका भी निर्देशित किया गया है। वही नगर के महत्वपूर्ण स्थल जैसे.ऐतिहासिक धरोहरए कॉलेज स्कूलए महत्वपूर्ण भवनए ग्राउंड आदि के साइनेज बोर्ड लगाने के लिए नपा को निर्देशित किया गया। कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा के निर्देशन और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सोमवार को डाक मत पत्र का स्ट्रांग रूम खोला गया। ज्ञात हो कि जिले के नियमित रूप से सर्विस वोटर्स के मत लिफाफे प्राप्त हो रहे है। प्राप्त लिफाफे आयोग के निर्देशानुसार स्ट्रांग रूम में रखें जा रहें है। सहायक नोडल अधिकारी पीबी श्री गजेंद्र कठाने ने बताया कि शनिवार को 70 इटीपीबीएस प्राप्त हुए है। बालाघाट जिले में अब तक कुल 797 इटीपीबीएस पोस्टल बैलेट प्राप्त हुए है। जिन्हें स्ट्रांग रूम में रखें गए जनवरी से अप्रैल माह में पिछले २ वर्षो की तुलना में जिले में सडक़ दुर्घटनाओं में कमी आयी है। इससे घायलों और मृतकों की भी संख्या कम हुई है। सोमवार को कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में आयोजित सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में जिला क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष ४ माह में सडक़ दुर्घटनाओं में १६.१९ प्रतिशत घायलों की संख्या में १८.७८ और मृतकों की संख्या में ५.७४ प्रतिशत की कमी आयी है। इसके कई कारण हो सकते हैए इसमें सडक़ो का निर्माण पर्याप्त संख्या में चालानी कार्यवाही और जागरूकता के कारण भी सम्भव है। हालांकि कुछ ब्लैक स्पॉट अभी भी जिले में है उन्हें दुरुस्त करना है। जो सडक़ें बन रही हैए उन सडक़ों पर ब्लैक स्पॉट नही बने इस बात का भी ध्यान देना होगा। साथ ही इस कार्य को पूरा करने के लिए अब जिले में सडक़ निर्माण एजेंसियों पर धारा १४४ के आदेश का पालन करना होगा।