डबल मनी मामले में फिर हुई गिरफ्तारी मानेगाव पंचायत में फैला अतिक्रमण का जाल। सरदार पटेल कॉलेज से हुई बुलट चोरी का मामला पकड़ रहा तूल 15 सौ करोड़ के जिले के बहुचर्चित डबल मनी मामले में भले ही मुख्य आरोपी सोमेन्द्र कंकरायने फरार है लेकिन एक दूसरे डबल मनी मामले के आरोपी हेमराज आमाडारे के फरार आरोपी रिश्तेदारों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बिरसा जनपद पंचायत के मानेगाव पंचायत में बस स्टेंड बाजार चौक एवम वन भूमि पर धन्ना सेठों का बेजा कब्जा कर आलीशान दुकान व मकान बनाकर सड़क के दोनो तरफ अतिक्रमण किया गया है जिसकी शिकायत पूर्व सरपंच द्वारा तहसीलदार अनुविभागीय अधिकारी बैहर कलेक्टर एवम वनमंडलाधिकारी बालाघाट को पूर्व से लिखित शिकायत करने के बावजूद भी जिला प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण हटाने के बजाए शिकायत कर्ता महिला को धमकियां दी जा रही है एवम शिकायत कर्ता महिला को अतिक्रमण कर्ताओं द्वारा जान से मारने की धमकी देने वालो पर भी आज दिनाक तक पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई । जिस कारण अतिक्रमण करने वालो के हौसले बुलंद होते जा रहे है वारासिवनी रोड़ स्थित सरदार पटेल यूनिवर्सिटी से २३ अप्रैल को एक छात्र की बुलट गाड़ी चोरी होने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरूवार को एनएसयूआई व छात्र संगठन के नेतृत्व में पीडि़त छात्र ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान छात्रों ने बताया कि गाड़ी चोरी के मामले की शिकायत वारासिवनी थाना में की गई है। लेकिन अब तक गाड़ी का कोई पता नहीं चला है। उन्होंने बताया कि थाना में एफआईआर दर्ज होने के बाद कॉलेज प्रबंधन द्वारा रिर्पोट वापस लेने दबाव बनाया जा रहा है और पीडि़त छात्र की एक सेमेस्टर की फीस माफ करने का प्रलोभन दिया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने जनजाति कार्य विभाग अंतर्गत आने वाली संस्थाओं के प्राचार्य संकुल प्रभारी और बालाघाट के आवासीय/छात्रावासों के अधीक्षकों को परीक्षा परिणामों के समीक्षा के पूर्व सम्बोधित किया। सम्बोधन में कहा कि जल्द ही वार्षिक परीक्षा परिणामों की समीक्षा की जाएगी। इसलिए हर एक संस्था द्वारा अच्छे से आंकलन करे। आंकलन इसलिए आवश्यक है कि किसी भी स्कूल में सिर्फ असफलता के कारणों में सिर्फ विद्यार्थी सहभागी नही है इसके पीछे शिक्षक स्कूल या प्रबंधन भी हो सकता है। शहरी क्षेत्र के बड़े व्यापारियों द्वारा अन्य जिलों एवं राज्यों से बहुत सारी कृषि उपज मंगाकर उनका यहां थोक एवं चिल्लर व्यापार किया जाता है। वहीं अन्य राज्यों से आने वाली कृषि उपजों पर मंडियों को मंडी शुल्क और निराश्रित शुल्क मिलता हैं जो कि मण्डी के लायसेंसी व्यापारियों द्वारा मंडी में जमा किया जाता हैं। बालाघाट मंडी क्षेत्र में अन्य राज्यों से मंगाई जाने वाली मिर्च हल्दी मूंगफली आदि अनेक कृषि जिन्सों पर गैर मण्डी लायसेंसी व्यापारियों द्वारा ना तो मंडी शुल्क चुकाया जाता है ना ही उनके द्वारा अभी तक मंडी लायसेंस बनाया गया है। मंडी समिति बालाघाट के भारसाधक अधिकारी श्री गोपाल सोनी (एसडीएम) द्वारा मंडी सचिव एवं उड़नदस्ता दल को मंडी क्षेत्र में कृषि उपजों के अवैध भंडारण अवैध परिवहन एवं अवैध क्रय-विक्रय पर अंकुश लगाने के स्पष्ट निर्देश दिये गये है।