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क्षेत्रीय
22-Oct-2020

1. नवरात्रि की पंचमी तिथि को दोपहर में गढ़ाफाटक जबलपुर में विराजमान महाकाली की विशालकाय प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन एक सामान्य महिला को अचानक देवी सवार हो गई। प्रतिमा के सामने खड़ी हुई इस महिला ने कुछ देर तक ऐसी भाव भंगिमाएं पेश की कि देखने वाले थर-थर कापंने लगे। महिला अपने श्रीमुख से ठीक वैसी ही चीख निकाल रही थी जैसी फिल्मों में महाकाली के सीन के समय सुनाई देती है। हरे रंग की साड़ी पहने इस महिला ने दरबार के सुरक्षा घेरे को पलक झपकते कूदकर पार कर लिया। दरबार में हाजिरी लगाने के बाद महिला कूदकर की वापस लौटी। इस दौरान उसका वीडियो रिकार्ड कर लिया गया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने आये लोग यह कहते सुने गये कि महाकाली जी ने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया है अब कोरोना का वध होगा। इस महिला को लोगों ने पहली बार काली जी के दरबार में देखा है। 2. मिलावट का धंधा जबलपुर के बाजारों में जड़े जमा चुका। आए दिन इस गोरखधंधे के सरपरस्तों पर प्रशासनिक कार्यवाही भी होती रहती है। ऐसी ही एक कार्यवाही को ओमती पुलिस ने अंजाम दिया। एसआई सतीश झारिया ने बताया कि दरअसल पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर झूलेलाल मंदिर के पास एक मकान में दबिश दी।पुलिस को मौके से करीब 65 लीटर नीला कैरोसिन बरामद हुआ जिससे ताड़पिन का तेल बनाया जा रहा था।पुलिस ने इस सिलसिले में लकी बसवानी नाम के युवक को हिरासत में लिया है।इसके अलावा मौके से बड़ी संख्या में प्लास्टिक बॉटल,नापतौल के सामान,जग समेत अनेक वस्तुएं बरामद हुई है। इधर मामले में जरूरी कार्यवाही के लिए खाद्य महकमे को भी खबर कर दी गई है। 3. जबलपुर में बढ़ते अपराधों के खिलाफ युवक कांग्रेस ने पुलिस पर कई सवाल खड़े किए हंै। कांग्रेस के कार्यकर्ता जबलपुर के अलग-अलग थाने की सीरीज के साथ लार्डगंज थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। कार्यकर्ताओं में कैंडिल जलाकर शहर में बिगड़ी कानून व्यवस्था के लिए पुलिस को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना था कि कैंडिल जलाने का मकसद है कि पुलिस अपनी नींद से जागे जिससे शहर की कानून व्यवस्था बेहतर हो सके। जबलपुर अपराधों का गढ़ बन चुका है यह आरोप युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने लगाए है। 4. कटियाघाट की जर्जर सड़क को लेकर किसानें में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। कटिया घाट की जर्जर सड़क की वजह से किसान अपनी तैयार खड़ी फसल को कटवाकर खलिहान तक नहीं ला पा रहे हैं। कटियाघाटस से गोराबाजार को जाने वाली सड़क की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि धान काटने के लिये आने वाले हार्वेस्टर रास्ते में ही बिगड़ रहे हैं। नतीजा यह हेै कि फसल की कटाई नहीं हो पा रही है। 5. जबलपुर केंद्र सरकार के द्वारा रेल कर्मचारियों को हर साल की तरह इस साल भी बोनस दिया जाना था पर रेल्वे ने कोरोना काल मे हुए घाटे का हवाला देते हुए बोनस की घोषणा नही की लिहाजा बोनस न मिलने से रेल्वे कर्मचारी नाराज हो गए और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। जबलपुर में भी रेल मंडल कार्यालय, पश्चिम मध्य रेलवे जोन मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जा रहा था। 6. पिछले 7 दिनों में कोरोना का जो कहर रहा क्या नवंबर के बाद उसकी वापसी और खतरनाक होगी? रोज के पॉजिटिव मरीजों की घटती संख्या से भले ही यह समझा जाए कि कोरोना का संक्रमण खत्म हो रहा है। वहीं प्रशासन जो अभी तक ऑक्सीजन सपोर्ट बेड बढ़ाने आतुर था, अब आईसीयू बढ़ाने की बात कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य नवंबर से ठंड बढने पर कोरोना का पलटवार अभी से ज्यादा खतरनाक हो सकता है।यही कारण है कि ऊपरी तौर पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की बात करने वाला प्रशासन अंदरुनी तौर पर उस हालात से निपटने की तैयारी कर रहा है। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बुधवार की शाम शहर के निजी अस्पताल संचालकों से जिस तरह आईसीयू बेड बढ़ाने की बात की है उसके कई अर्थ निकलते हैं। एक तो यह कि नवंबर के बाद हालात बिगडने वाले हैं, दूसरा सरकारी स्वास्थ्य सेवाएँ मेडिकल या विक्टोरिया अभी जिन हालत में हैं वैसे ही रहेंगे, वहाँ ऑक्सीजन बेड से ज्यादा कुछ अन्य सुविधाएँ बढ़ाने पर फोकस नहीं है। 7. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्राइवेट अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिक भुगतान का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर कोर्ट का समय बर्बाद करने और तथ्यहीन मामला रखने पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। याचिकाकर्ता को जुर्माने की राशि दो महीने के अंदर सीएम रिलीफ फंड में जमा करने का आदेश दिया है। भोपाल के एक्टिविस्ट भुवनेश्वर मिश्रा ने राज्य सरकार की ओर से निजी अस्पतालों को कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल बनाने और प्रत्येक मरीज पर होने वाले 5400 रुपए के खर्च को जनहित याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिका में राज्य सरकार पर आरोप लगाए गए थे कि निजी अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिक भुगतान किया जा रहा है। 8. कोरोनाकाल की वजह से बुहत सी ट्रेनों का संचालन अभी भी शुरू नहीं हो सका है। इससे ट्रैक पर ट्रेनों का ट्रैफिक कम है। इसका फायदा यात्रियों को मिल रहा है। जो ट्रेनें चल रही हैं वे अपने निर्धारित समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच रही हैं। यह बात जबलपुर रेल मंडल के ऑपरेटिंग विभाग द्वारा जारी की जाने वाली ट्रेनों की पंचुअल्टी (ट्रेनों की समयावधि) में सामने आई है। इन दिनों पंचुअल्टी 100 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो कोरोनाकाल के पूर्व 75 से 80 से आगे नहीं बढ़ पाती थी। 9. कोरोना संक्रमण सितंबर में तेजी से बढ़ा। मरीजों को भर्ती करने की बात आई तो निजी अस्पताल बेड खाली न होने का हवाला देकर उपचार से पल्ला झाडने लगे। कुछ अस्पतालों ने कोरोना के उपचार के नाम पर मरीजों को जमकर लूटा। अब हालात विपरीत हो चुके हैं। निजी अस्पतालों में बेड खाली हो चुके हैं और ऑक्सीजन सिलिंडर की डिमांड भी न के बराबर हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोग एसडीएम-तहसीलदारों से लेकर आस-पास के जिलों में भी मरीजों भर्ती कराने की बात करने लगे हैं। भले ही कोरोना संक्रमण के कुल संदिग्धों की संख्या 1488 है और एक्टिव केस 842 बने हुए हैं, लेकिन अब अस्पतालों की जगह लोग घर पर रहकर उपचार कराना पसंद कर रहे हैं। सिर्फ गंभीर बीमारियों से जुड़े मरीज ही अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पतालों में मरीज उपचार कराने से अच्छा घर पर उपचार लेना पसंद कर रहा है। 10. जबलपुर में कोरोना से जंग जीतकर स्वस्थ होने वालों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है, यह शहरवासियों के लिए राहत भरी खबर है आज जबलपुर में 107 संक्रमित स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए गए है, वहीं 39 नए मरीज मिले है. डाक्टरों का कहना है कि आने वाले दिनों और भी लोगों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया जाएगा. बताया जाता है कि जबलपुर में गत दिवस 1567 सेम्पल की जांच रिपोर्ट में 39 कोरोना संक्रमित पाए गए है, जबलपुर में कोरोना के संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या 11 हजार 401 हो गई है.जबलपुर का रिकवरी रेट बढ़कर अब 92.16 प्रतिशत हो गया है अधिकारियों को गिरफ्तार कर बुलाने की चेतावनी 11. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक व्याख्याता की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है कि यदि इसी तरह आदेशों की अवहेलना की जाती रही तो जनता का न्याय से भरोसा उठ जाएगा. जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने यह टिप्पणी तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव केरलिन देशमुख, आयुक्त पी नरहरि और पॉलीटेक्निक कॉलेज जबलपुर के प्राचार्य आरसी पांडे को प्रथम दृष्ट्या अवमानना का दोषी पाए जाने के बाद की. एकल पीठ ने चेतावनी दी है कि आदेश का पालन नहीं होने पर डीजीपी को निर्देश दिए जाएगे कि अधिकारियों को गिरफ्तार कर हाईकोर्ट में पेश किया जाए. 13. राज्य सरकार द्वारा स्कूल नहीं खोले जाने विरोध में निजी स्कूल संचालकों ने आज जबलपुर के सिविक सेंटर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में स्कूल मालिकों के साथ शिक्षक भी नजर आये। प्रदर्शन करने वालों का कहना था कि राज्य सरकार को स्कूल खोलने का आदेश जारी करना चाहिये। स्कूल बंद होने की वजह से माता-पिता फीस नहीं दे रहे हैं और ऑन लाइन क्लास को महत्व नहीं मिल रहा है।